रामेश्वर शर्मा: 29 अक्टूबर को शिकायत की थी, 2 नवम्बर को मनोज की मौत हो गई | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की 'हुजूर' विधानसभा के विधायक श्री रामेश्वर शर्मा पर श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी, मीडिया कन्वेनर व राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता मनोज त्रिपाठी की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। मप्र पुलिस ने इस मौत का आत्महत्या बताया है। 

श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी ने एक लिखित बयान में बताया कि 29 अक्टूबर 2018 को आरटीआई कार्यकर्ता मनोज त्रिपाठी ने चुनाव आयोग में भाजपा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा के खिलाफ अवैध कब्जे पर शिकायत दर्ज की। चुनाव आयोग में शिकायत त्रिपाठी ने लिखा है कि:- 
Rameshwar Sharma had forcefully acquired 7]000 square feet of government land and is illegally constructing a structure on it- He asked Rawat] Kantarao and Khade to file an FIR against Sharma and take appropriate legal action against him- Along with his complaint] he also attached the required documents and the map of the forcefully acquired area. और इसके बाद 2 नवंबर 2018 को मनोज त्रिपाठी अपने बील्डिंग के नीचे संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे।

श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने बयान में लिखा: पुलिस का कहना है कि मनोज ने शराब पी रखी थी और अपनी पत्नी से बील्डिंग की छत पर झगड़ते हुए नीचे गिरे। वहीं पत्नी का कहना है कि मनोज छत पर फोन पर बातचीत करने गए थे, मतलब साफ है कि पुलीस मनगढ़ंत कहानी गढ़ रही है, पुलिस की भूमिका शक के घेरे में है। अंजनी पांडे, जो मनोज के रिश्तेदार हैं का कहना है कि उन्होंने मनोज को घर छोड़ा व थोड़ी में उनकी पत्नी का फोन आया कि वो छत से गिर गए हैं, जब वो मनोज के पास पहुंचे तो 3-4 पुलिसकर्मी वहां पहले से खड़े थे, इतनी जल्दी पुलिस का वहां पहुंचना और पुलिस के परिवार के विपरीत बयान कुछ और इशारा करते हैं।

श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया कि अंजनी पांडे का कहना है कि मनोज त्रिपाठी छत से गिरे हैं या उन्हें धक्का दिया गया है यह कहा नहीं जा सकता है। मीडिया खबरों के मुताबिक मनोज पहले भी कुछ वरीष्ठ अधिकारीयों के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं

कांग्रेस की 5 मांगे यह है कि:- 

1. इसमें सीबीआई जांच हो-यह जांच निष्पक्ष हो और मध्यप्रदेश के बाहर से हो। समय से नियंत्रित जांच हो कर आरोपियों को सजा दी जाए।

2. मुख्यमंत्री जवाब दें कि कैसे व्यापंम और ऐसे केसों में जहां भाजपा के नेताओं के नाम होते हैं वहां संदिग्ध मौतें क्यों होती है।

3. प्रधानमंत्री जी जवाब दें कि उनके कार्यकाल में कैसे सारे सरकारी तंत्र जैसे आरटीआई और सीवीसी धराशाई हो रहे हैं और क्यों 15 साल के भाजपा शासन के बाद भी भ्रष्टाचार से लड़ने वालों को कोई संरक्षण नहीं दे पाए।

4. यह वही रामेश्वर शर्मा है जिन्होंने कहा था कि अपनी मौत से जितना डरते हैं, उससे ज्यादा मुझसे डरो, कभी कहते हैं कि कांग्रेस नेता रावण की औलादें है और असली किसान कभी नहीं मरता।

5. क्या कारण है कि शिवराज सिंह चैहान और भाजपा का नेतृत्व एक ऐसे नेता को संरक्षण दे रहा है जिस पर भूमि कब्जाने से लेकर मौत की खुली धमकियां देने के गंभीर आरोप हैं, जो किसान की मौत का माखौल भी उड़ाता है और विपक्षीयों को रावण की औलाद बताते हैं, रामेश्वर शर्मा भाजपा के संस्कारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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