फेस्टिव सीजन में "शक्कर का ओवरडोज" इन तरीकों से कर सकता है आपको बीमार | HEALTH NEWS

शक्कर हर त्योहार में मिठास घोलती है। खासतौर पर शक्कर से बनी मिठाईयां तो त्योहार की चमक दोगुना कर देती हैं। दशहरा से दिवाली तक त्योहारों के बीच घरों में कई मीठे पकवान बनते हैं, जिन्हें देखकर जुबान पर कंट्रोल ही नहीं होता। जाने-अनजाने में हम इतनी मीठी चीजें खा लेते हैं, कि इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा भी हमें नहीं होता। यूं तो ज्यादा शक्कर सेहत के लिए नुकसानदायक है, लेकिन त्योहारी सीजन में ये कई तरीकों से आपको बीमार कर सकती है। तो इस फेस्टिव सीजन के मौके पर जानिए वो तरीके जिनसे आप बीमार हो सकते हैं। 

वजन बढ़ाकर-

त्योहारों पर पैक्ड फूड और शुगरी ड्रिंक्स का ट्रेंड बहुत ज्यादा होता है। इन प्रोडक्ट्स में आमतौर पर फ्रूक्टोज का इस्तेमाल किया जाता है, जो शक्कर की क्रेविंग्स को और बढ़ा देता है। जो लोग इस सीजन में ज्यादा सोडा, पैक्ड फ्रूट जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्स पीते हैं, उनका वजन अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा बढ़ता है। 

इंसुलिन प्रोसेस को करे प्रभावित-

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए हमारा शरीर हमारी बॉडी इंसुलिन रिलीज करती है, लेकिन जब हम जरूरत से ज्यादा मीठी चीजें खाने लगते हैं, तब शरीर को बहुत ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है। जिससे इंसुलिन प्रोडक्शन का पूरा सिस्टम बिगड़ जाता  है और तब हमारा शरीर इंसुलिन की कमी को पूरा नहीं कर पाता। इससे टाइप टू डायबिटीज, हार्ट डिसीज जैसी बीमारियां धीरे-धीरे जन्म लेने लगती  हैं। 

बढ़ते हैं कैंसर के रिस्क फैक्टर्स-

मोटापा और इंसुलिन दोनों ही फैक्टर्स कैंसर को ट्रिगर कर सकते हैं। एक सर्वे में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि जो महिलाएं हफ्ते में तीन बार या उससे ज्यादा कुकीज और बिस्किट्स खाती हैं, उनमें इंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। 

एनर्जी ड्रेनिंग साइकिल कर सकती है बीमार

त्येाहारी सीजन में जब हम कमजोरी महसूस करें तो अक्सर कुछ मीठा खाने से एनर्जी बूस्ट हो जाती है। पर क्या आप जानते हैं कि अगर शक्कर के साथ प्रोटीन , फाइबर या फैट न हो, तो एनर्जी टिक नहीं पाती और तुरंत नष्ट हो जाती  है। जितनी तेजी से एनर्जी लेवल बढ़ता है उतनी ही तेजी से घट भी जाता है। अगर आप इस एनर्जी ड्रेनिंग साइकिल से बचना चाहते हैं, तो ज्यादा मात्रा में शक्कर वाली चीजें लेना अवॉइड करें। शुगरी ड्रिंक पीने के साथ अच्छा है कि बादाम के साथ सेब खा लें। 

बढ़ाती है यूरिक एसिड की मात्रा

यूरिक एसिड बनने का एकमात्र कारण फ्रूक्टोज है। जब बॉडी में फ्रूक्टोज लेवल बढ़ जाता है। तो शरीर उसे यूरीक एसिड के रूप में बाहर निकालने लगता है। इससे हार्ट और किडनी की प्रॉब्लम बढऩे लगती है। 

हो सकते है अल्जाइमर का शिकार

क्या आप जानते हैं कि हमारा खानपान हमारे ब्रेन स्ट्रक्चर  और फंक् शनिंग को प्रभावित करता है। कुछ रिसर्च में बताया गया है कि जरूरत से ज्यादा शक्कर खाना ब्रेन की उस फंक् शनिंग को प्रभावित करता है जो हमारी मेमोरी को कंट्रोल करती है। लगार शक्कर की ओवरडोज बहुत कम उम्र में आपको अल्जाइमर जैसी बीमारी भी द सकती है।
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