भोपाल। छिंदवाड़ा सांसद एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को सिख समुदाय के लोग 1984 के दंगों का दोषी बताते रहे हैं। पंजाब राज्य के चुनाव के समय जब कांग्रेस ने कमलनाथ को प्रभारी बनाया तो वहां काफी विरोध हुआ था परंतु अब लगता है सिख समुदाय ने कमलनाथ को माफ कर दिया। ग्वालियर के दाता बंदी छोड़ साहिब गुरुद्वारे में कमलनाथ को ना केवल प्रवेश दिया गया बल्कि सम्मान भी दिया गया।
कमलनाथ से क्यों नाराज है सिख समाज
कमलनाथ के ख़िलाफ़ यह आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के रक़ाबगंज गुरूद्वारे में सिखों को मारने आई लगभग 4000 लोगों की भीड़ को हमले के लिए उकसाया था। न्यूयॉर्क की केंद्रीय अदालत में कमलनाथ के खिलाफ एक मुक़दमा भी दायर किया था। 'सिख फ़ॉर जस्टिस' नामक संगठन ने दुनिया के कई देशों में कमलनाथ के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। कमलनाथ को जब पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया तो कांग्रेसियों ने सामूहिक इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। बाद में कमलनाथ को पंजाब के प्रभार से हटाना पड़ा था।
मध्यप्रदेश में सिख समुदाय के वोट
मध्यप्रदेश में सिख समुदाय कोई बड़ा वोटबैंक नहीं है। राजनीति में भी सिख समाज के नेताओं की संख्या प्रभावी नहीं है परंतु यह इतने कम भी नहीं हैं कि इनकी आवाज कहीं गुम हो जाए। कुछ सीटें तो ऐसी भी हैं जहां सिख समाज हजारों वोटों को प्रभावित करता है।
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