
अधिकारियों की गलती का दंड अभी भी सहायक अध्यापक भुगत रहे हैं लेकिन स्मरण नहीं आता कि इतनी बड़ी गलती के लिए किसी *मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत* को दंड दिया गया हो। दूसरा प्रश्न आज भी अनुत्तरित है कि शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की भर्ती जनपद पंचायतों द्वारा की गई थी तो केवल उन्हें ही जिलेवार संदर्भ सूची बनाकर पदोन्नति का प्रावधान क्यों रखा गया।जनपद पंचायतवार पदोन्नति क्यो नही दी गई? जबकि नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम,अनुसूचित जनजाति विभाग एवं जिला पंचायत द्वारा भर्ती शिक्षाकर्मीयो एवं बाद में संविदा शाला शिक्षकों की पदोन्नति उनके ही नियुक्तिकर्ता क्षेत्राधिकार में ही हुई है।
सवाल यह है कि किसी शोषित ने इस अन्याय के विरुद्ध न्याय का दरवाजा आज तक खटखटाया है? ऐसा ही अब जिला पंचायत द्वारा नियुक्त शिक्षाकर्मी वर्ग 1, 2 एवं संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1, 2 के साथ भी होगा। माध्यमिक शिक्षा की वरिष्ठता सूची संभाग स्तर पर और उच्च माध्यमिक शिक्षक की वरिष्ठता सूची प्रदेश स्तर पर बनना है। जिन जिला पंचायतो के अधिकारियों ने शासन द्वारा घोषित शिक्षाकर्मी, संविदा शाला शिक्षक नियुक्ति कार्यक्रम की अवहेलना की थी। उस का दंड अब नियमित कैडर चयन करने वाले माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षक को भुगतना होगा वो वरिष्ठता सूची में वे फिसड्डी रह जाएंगे जिससे पदोन्नति में गतिरोध पैदा होगा।
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