एससी/एसटी के बाद अब इनको भी मिला आरक्षण | high court news

नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने आज राज्य सरकार को ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण प्रदान करने को कहा। सरकार को 6 महीने के भीतर इस योजना को लागू करने का आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट ने किन्नर वेलफेयर बोर्ड के गठन का आदेश जारी करते हुए सरकार से कहा है कि वह किन्नरों को मुख्यधारा में शामिल करने और सम्मानजनक जीवन जीने देने के हर संभव उपाय करें।

कोर्ट ने किन्नरों को स्कूल में प्रवेश, सरकारी सेवा आदि में आरक्षण देने, आवास उपलब्ध कराने आदि के लिए छह माह में नियम बनाने का भी सरकार को आदेश दिया। किन्नर रजनी रावत, रानों आदि को पुलिस सुरक्षा देने संबंधित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने कहा कि स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए सरकार किन्नरों को छात्रवृत्ति दे।

किन्नर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया जाए जिसमें किन्नरों का भी प्रतिनिधित्व हो। उन्हें निशुल्क चिकित्सा मिले और उन्हें सार्वजनिक स्थानों में आने जाने की पूरी छूट हो। कोर्ट ने कहा कि किन्नरों के लिए सार्वजनिक स्थानों, बस व रेलवे स्टेशन और हर सरकारी भवन में अलग से शौचालय बनाये जाएं।

मुख्यधारा में शामिल करे सरकार
कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किन्नरों का पंजीकरण करें और यह सुनिश्चित करें कि किन्नर बच्चे को उनके माता पिता से कोई जबरन न ले जा सके और यह सुनिश्चित किया जाय कि उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। किन्नरों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकार जागरूकता अभियान भी चलाए।  

कोर्ट ने किन्नर रजनी रावत, रानो सहित अन्य को सुरक्षा देने का आदेश दिया। देहरादून निवासी किन्नर रजनी रावत व अन्य की याचिका में कहा गया था कि उनको देहरादून की किन्नर गद्दी विरासत में 1996 से मिली हुई है। कुछ समय से हरियाणा, यूपी के किन्नर उनके नाम से वसूली कर रहे है। इसका विरोध करने पर धमकी दी गयी। याचिकाकर्ता का कहना था कि इसकी शिकायत उन्होंने एसएसपी देहरादून से भी की है।
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