बैंक ब्याज दर का निर्धारण कैसे होता है, रेपो रेट क्या होता है, रिवर्स रेपो रेट क्या होता है

Bhopal Samachar
हर खाताधारक चाहता है कि उसका BANK उसे ज्यादा से ज्यादा ब्याज (INTEREST) दे लेकिन आपने देखा होगा। आपका सेविंग अकाउंट (SAVING ACCOUNT) हो या फिर एफडी (FD), सभी बैंकों की ब्याजदरों में 0.50 प्रतिशत से ज्यादा का अंतर नहीं होता। प्राइवेट बैंक कभी थोड़ा ज्यादा देते हैं परंतु यह ज्यादा भी ललचाने वाला नहीं होता। सवाल यह उठता है कि आखिर बैंक की ब्याज दरें कैसे निर्धारित होतीं हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो रेट पर तय होता है आपका ब्याज

भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट जारी करता है। इसके पीछे उसका महत्वपूर्ण शोध एवं अध्ययन होता है। इसी के आधार पर आपके बैंक बचत खातों का ब्याजदर एवं लोन पर वसूले जाने वाले ब्याज की दर तय होती है।

रेपो रेट क्या होता है

रेपो रेट उस दर को कहा जाता है कि जिस पर रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों को अल्प अवधि का कर्ज देता है। बैंक जिस दर से कर्ज हासिल करते हैं, उससे ज्यादा दर पर कर्ज वितरित करते हैं लेकिन यह मनमाना नहीं हो सकता। आरबीआई इसके लिए समय समय पर गाइड लाइंस जारी करता है।

रिवर्स रेपो रेट क्या होता है

रिवर्स रेपो रेट इसके उलट है जिसके आधार पर रिजर्व बैंक अन्य व्यावसायिक बैंकों से कर्ज लेता है। इस कर्ज पर रिजर्व बैंक ब्याज चुकाता है। बैंक को जो ब्याज प्राप्त होता है, उसमें अपना खर्चा और मुनाफा काटकर वो अपने ग्राहकों में वितरित कर देता है। लेकिन यह भी मनमाना नहीं हो सकता। आरबीआई इसके लिए समय समय पर गाइड लाइंस जारी करता है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!