PEB: विवादित हो गई इंजीनियर संयुक्त भर्ती परीक्षा, अब हाईकोर्ट की तैयारी | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) अब एक वन-वे कोरियर कंपनी से ज्यादा नहीं रह गया है। विभाग मनमाने भर्ती नियम बनाता है और बोर्ड उसे कॉपी पेस्ट करके अपनी बेवसाइट पर छाप देता है। परीक्षा आयोजित करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को ठेका पहले ही दिया जा चुका है। पीईबी के इसी घटिया सिस्टम का खामियाजा अब इंजीनियर संयुक्त भर्ती परीक्षा के योग्य उम्मीदवारों को उठाना पड़ रहा है क्योंकि इस बार नियम कुछ ऐसे बनाए गए हैं कि डिग्रीधारी उम्मीदवार आवेदन ही नहीं कर सकते। बता दें कि पीईबी का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भर्ती प्र​क्रियाओं में होने वाली रिश्वतखोरी, घोटाले, गड़बड़ियां और सिफारिश को रोकने के लिए हुआ है। 

हाईकोर्ट में जाएगा विवाद
इस बार 12 विभागों के लिए यह भर्ती परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। जारी अधिसूचना के अनुसार इस पद के लिए बीई व बीटेक डिग्रीधारियों को योग्य उम्मीदवार ही नहीं माना गया है। केवल तीन वर्षीय डिप्लोमा होल्डर्स को ही आवेदन करने का अधिकार दिया गया है। सीधी भर्ती के लिए पीईबी द्वारा जारी सूचना के अनुसार 548 पदों पर सब इंजीनियर नियुक्त होने हैं। इसमें भोपाल मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 47 पद शामिल हैं। इन पर कांट्रेक्ट के तौर पर भर्ती की जाएगी। सिर्फ इन पदों के लिए बीई डिग्रीधारी योग्य हैं। लेकिन, अन्य विभागों में उपयंत्री बनने के लिए डिप्लोमा जरूरी है। उम्मीदवारों का कहना है कि वे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। वहीं आवेदन करने की अंतिम तारीख 10 अगस्त है। 

उम्मीदवारों ने राज्यपाल से मांगा न्याय
इस बात को लेकर उम्मीदवारों ने शनिवार को राजभवन जाकर बीई व बीटेक डिग्रीधारियों को भी मौका दिए जाने की मांग की है। वहीं एक उम्मीदवार सत्यम सिंह परिहार ने राजभवन के प्रमुख सचिव को ई-मेल कर शिकायत की है। उम्मीदवार हर्षित राज सिंह का कहना है कि पिछले साल से एमपी-पीएससी ने असिस्टेंट इंजीनियर और एसएससी ने जूनियर इंजीनियर की भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया है। वहीं, कई उम्मीदवार जॉब छोड़कर इसकी तैयारी कर रहे थे पर उन्हें बाहर कर दिया है। 

पिछली भर्ती में BE को थी पात्रता और PEB का घिसापिटा बयान
उम्मीदवारों का कहना है कि पिछली बार हुई भर्ती की प्रक्रिया में डिप्लोमा के अलावा बीई डिग्रीधारियों को भी शामिल किया था। फिर इस बार नियम क्यों बदले गए। इधर प्रो. एकेएस भदौरिया, परीक्षा नियंत्रक, पीईबी का कहना है कि उम्मीदवारों को संबंधित विभागों से संपर्क करना चाहिए। वे हमारे पास आते भी हैं तो हम उनके आवेदन को शासन तक नहीं पहुंचाएंगे। क्योंकि, यह हमारा काम नहीं है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!