पूर्व सैनिक भी चुनाव लड़ेंगे, मांगे टिकट, रैली का ऐलान | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश पूर्व सैनिक संघ अपनी मांगो को लेकर राजधानी भोपाल में 2 सितंबर को महारैली निकालेंगा। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन वीपी सिंह ने अप्सरा रेस्टारेंट में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि महारैली शांतिपूर्ण तरीके से शौर्य स्मारक से शुरु होगी। महारैली से पूर्व सैनिक शौर्य स्मारक पर शहीदों की प्रतिमा और शहीद स्थल पर माल्यार्पण कर शांतिपूर्ण पैदल मार्च करेंगे। यह रैली मंत्रालय, राजभवन होते हुए रविन्द्र भवन पालीटेक्निक चौराहे पर समाप्त होगी। इस महारैली में बडी संख्या में सेना से रिटायर्ड हुए कर्मचारी, अधिकारी शामिल होंगे।

5 प्रतिशत टिकट की उठाई मांग
कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन वीपी सिंह का कहना है सभी राजनैतिक दलों को पूर्व सैनिकों की चुनाव में भागीदारी तय करनी चाहिए। उन्होने पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, विधानसभा, लोकसभा, चुनाव में सभी दलों से पूर्व सैनिकों को पांच प्रतिशत टिकिट देने की मांग की है। संघ इस मांग को लेकर सभी राजनैतिक दलों के प्रमुखों से मुलाकात कर चर्चा भी करेगा।

ये है मांग-
कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन वीपी सिंह का आरोप है कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों का पुर्नवास, रोजगार, आवास एवं अन्य जुड़ी हुई समस्याएं अभी तक पूरी नही हुई है। इन समस्याओं का हल ढंढना अति आवश्यक हो गया है। सैनिकों से जुड़ी प्रमुख समस्याएं निम्न है, जिसका हल ढंढ कर सैनिकों के सम्मान और भरोसे को बढ़ाया जा सकता है। 

1. पूर्व सैनिको हेतु रोजगार संबंधी आरक्षण। (ग्रुप-डी सेवा में 20 प्रतिषत, ग्रुप-सी व बी में 10 प्रतिशत तथा ग्रुप-ए में 10 प्रतिशत) सैनिकों को 60 साल की आयु तक दूसरी नौकरी देने का वादा सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया।
2. पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवार के सदस्य हेतु इनक्यूवेशन सेंटर में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जायें।
3. टेक्नालाजी से संबंधित स्टार्टअप कंपनी बनाने पर ब्याज की दर में छूट देते हुये उसे किसानों के ब्याज दर के बराबर लाया जायें तथा केपिटल सब्सीडी हेतु 25 प्रतिशत तथा अधिकतम 25 लाख का प्रावधान हो।

4. यातायात परिवहन संबंधी कान्ट्रेक्ट या अन्य कान्ट्रेक्ट में इनको प्राथमिकता दी जायें।
5. सैनिकों की विधवाओं के लिये आश्रम तथा उनके अनाथ बच्चों के लिये प्रत्येक संभाग में होस्टल बनायें जायें जहां उनके लिये मुफ्त रहने व शिक्षा की व्यवस्था हो।
6. पूर्व सैनिकों को 05 एकड़ तक परतीभूमि में से आवंटन किया जायें।
7. पूर्व सैनिकों का एक कार्पोरेशन, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के तर्ज पर बनाया जायें, जो सरकार और उनके बीच एक कड़ी होगी। 

8. 2012 में जारी भारत सरकार के आदेश के अनुसार, सभी अर्धसैनिक बल (लगभग-11) पूर्व सैनिकों की श्रेणी में लाये गये है एवं उनके लिये प्रदेश में कैन्टीन सुविधा नहीं है, जिसे लागू किया जायें।
9. वन रैंक वन पेंशन की खामियों को दूर किया जायें। सरकार ने असली ओआरओपी लागू नहीं की है, केवल एक टाइम पेंसन बढौती की है। पीएम देश को गुमराह कर रहे है। वन मेन ज्यूडिशियल कमेटी रिपोर्ट दो साल से पब्लिक नहीं की। सरकार ने ओआरओपी की परिभाषा को ही बदल दिया है जो बिल्कुल गलत है।

10. अल्प सेवा कमीशन के अधिकारियों को तथा उनके समकक्ष सेवा देने वाले सभी पूर्व सैनिकों को पेंशन दिया जायें।
11. एक सिपाही के पेंशन को मीनिमम रूपये 30,000/- मासिक निर्धारित किया जायें।
12. सभी सैनिक कल्याण कार्यालय के अधीन सैनिक आरामगाह हेतु कमरों की संख्या 20 की जायें।
13. विकलांग सैनिकों तथा शहीद सैनिकों के परिवारों को सुदृढ करने हेतु शिक्षा, रोजगार, आवास, तथा अन्य सुविधाओं को बढ़ाया जायें।

14. फौज़ियों को दूसरी सर्विस के मुकाबले में क्वूदहतंकम वत क्महतंकम करने की च्वसपबल बंद होनी चाहिये। फौज़ियो का 15 ।नह 1947 का स्टेटस बहाल होना चाहिये।
15. ईसीएचएस स्कीम को और अच्छा बनाना, ईसीएचएस का बजट बढाना, देश में आये सभी मेडिकल प्रोसिजर को एक दम ईसीएचएस में लागू करना और सुविधाजन बडे अस्पतालों को स्थापित करना।

ये रहे उपस्थित
पत्रकारवार्ता में विंग कमांडर मनीष मिश्रा, विंग कमांडर अनुमा आचार्य, कैप्टन एनके पाण्डेय, कैप्टन वीपी सिंह, कैप्टन केजे कुरियन, सु. मेजर टीएस सोढ़ी, महेन्द्र तिवारी, सुरेश सिंह राजपूत सहित संघ से पदाधिकारी शामिल हुए।
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