
सरकार ने सबसे पहला प्रयोग दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ किया है। यह 15 सितंबर को शुरू होगा। कंपनियां इसी आधार पर नए सिम कार्ड जारी करेंगी। इसके बाद इस सेवा को बैंक, पीडीएस और सरकारी दफ्तर में अटेंडेंस (उपस्थिति) में शामिल किया जाएगा। प्राधिकरण ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था।
इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के अमाने सामने लिए गए फोटे से की जाएगी। यूआईडीएआई ने अगले महीने के मध्य से इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है। यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे।
बता दें कि इससे पहले फिंगर प्रिंट का सिस्टम चलता था परंतु अब वो बंद किया जा रहा है। सरकार ने कर्मचारियों के लिए कई अटेंडेंस सिस्टम बनाए परंतु सब फेल हो गए। अब इसका प्रयोग पहले मोबाइल सिम के लिए फिर बैंक के लिए किया जाएगा। इसके बाद जब कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया जाएगा तो कोई विरोध नहीं कर पाएगा। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह प्रक्रिया तेज हो जाएगी।