अध्यापक संविलियन विसंगति: व्यायाम शिक्षकों के साथ फिर हुआ अन्याय | ADHYAPAK NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अध्यापकों के संविलियन सम्बन्धी राजपत्र अनुसार प्रदेश के व्यायाम शिक्षकों के साथ फिर से अन्याय हुआ है। 30 जुलाई 2018 को जारी राजपत्र में मध्यप्रदेश के अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा के अधीन शिक्षा विभाग में किये जाने सम्बधित सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 में निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमे सबसे ज्यादा नुकसान व्यायाम शिक्षकों का हो रहा है। उक्तानुसार व्यायाम शिक्षकों को खेलकूद शिक्षक के नाम पर दो श्रेणी 'अ'  और 'ब' में बांट दिया गया है जो कि औचित्यहीन है। 

खेलकूद शिक्षक श्रेणी अ में संविलियन किये जाने वाले व्यायाम शिक्षकों का स्तर प्राथमिक शाला के शिक्षक के बराबर कर दिया गया है जबकि उनकी सेवा अवधि अधिकतम 12 वर्ष की हो चुकी है एवं वह प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे है साथ ही शारीरिक शिक्षा में स्नातक तथा स्नातकोत्तर योग्यता रखते है, वही विसंगति में एक और कड़ी जोड़ते हुए खेलकूद शिक्षक में संविलियन किये जाने वाले श्रेणी अ एवं ब के व्यायाम शिक्षकों का सम्पूर्ण सेवा अवधि में पदोन्नति का अभाव रहेगा। नियमानुसार उनसे छोटे पद पर 2018 में भर्ती होने वाला प्राथमिक शिक्षक भी पदोन्नत होकर शाला का प्राचार्य बन जायेगा परन्तु संविलियन तिथि में अपनी 12- 20 वर्ष नौकरी कर चुके व्यायाम शिक्षक उसी पद पर सेवानिवृत होने मजबूर हो जाएंगे। 

उक्त सम्बन्ध में अध्यापक व्यायाम शिक्षक संघ मप्र के प्रदेश अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 अगस्त को भोपाल में इसी मामले को लेकर संघ के पदाधिकारियों एवं जिला प्रतिनिधियों की आपात बैठक रखी गई है जिसमे राजपत्र में व्यायाम शिक्षकों की शिक्षा विभाग में संविलियन नीति का विरोध करते हुए आपत्ति दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी और संसोधन ना हो कि स्थिति में शालाओ की खेलकूद गतिविधियों का बहिष्कार करते हुए अपनी मांगों को लेकर अध्यापक व्यायाम शिक्षक संघ मप्र जबरदस्त आंदोलन करेगा।
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