अब आवारा जानवर रोकेंगे ACCIDENT | MP NEWS

GWALIOR: आगरा-ग्वालियर प्रोजेक्ट के तहत आने वाले नेशनल हाइवे पर मुरैना जिले की सीमा में आवारा गाय और कुत्ते दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हाइवे अथॉरिटी के निर्देश पर हाइवे की मेंटेनेंस कंपनी ने दो महीने पहले इन आवारा जानवरों के शरीर पर रेडियम रिफ्लेक्टर लगाने शुरू किए। इसके बाद हादसों में कमी आना शुरू हो गई। यहां हर महीने औसतन 70 हादसे वाहनों से इन जानवरों के टकराने के कारण हो रहे थे। वाहनों से होने वाली इस टक्कर में इन जानवरों की भी मौत हो रही है और लोग भी जख्मी हो रहे हैं। आगरा ग्वालियर हाइवे के धौलपुर से मुरैना के बानमोर तक करीब 45 किमी लंबे फोरलेन हाइवे पर जानवरों के कारण हर रोज औसतन दो सड़क हादसे हो रहे थे। किसी महीने 75 तो किसी महीने इन हादसों की संख्या 80 के आंकड़े को भी पार कर रही थी। बारिश के मौसम में हर साल यह समस्या बढ़ जाती थी। 
इसलिए इस बार NHAI के निर्देश पर पाथ इंडिया कंपनी ने सड़क के आसपास धूमने वाले आवारा जानवरों के सींग, धड़ और पूंछ पर रेडियम चिपकाने का अभियान चलाया। अब तक करीब 150 जानवरों पर कंपनी के कर्मचारी रेडियम रिफ्लेक्टर स्ट्रिप चिपका चुके हैं। इसका सही परिणाम भी दिखाई देने लगा है। इन घटनाओं में कमी आई हैं।
एक और चौंका देने वाली बात कंपनी की रिपोर्ट में दिखाई देती है। वह यह कि हाइवे पर सबसे ज्यादा हादसे आवारा गौवंश से टकराकर होते हैं और गौवंश ही इन हादसों में सबसे ज्यादा मरता है। उदाहरण के लिए इस महीने में 55 जानवर वाहनों से टकराए और मर गए। इनमें 25 के लगभग गौवंश था। 20 आवारा कुत्ते थे और करीब 10 नीलगाय और दूसरे जानवर थे।
हाइवे पर औसतन 70 हादसे हर महीने जानवरों से वाहनों के टकरा जाने से हो रहे थे। हमने अभियान चलाया और जानवरों के सींग, धड़ और पूंछ पर रेडियम लगाया। मई और जून में इसके परिणम सामने आए। हादसों में 35 ये 40 फीसदी तक गिरावट आई है।
विशाल, मैनेजर एचआर पाथ वे मुरैना

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !