क्या फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है पुलिस, 552 प्रकरणों में से 444 दोषमुक्त | MP NEWS

इंदौर। या तो इंदौर पुलिस फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है या फिर कोर्ट में सरकार की दलीलें कमजोर होतीं हैं। यही कारण है कि प्रत्येक 10 में से 08 मामलों में आरोपित दोषमुक्त हो रहे हैं। जुलाई 2017 से अगस्त 2018 तक कुल 552 प्रकरण सजादेही के लिए न्यायालयों में पेश किए गए परंतु 444 मामलों में आरोपित निर्दोष पाए गए। इंदौर के पत्रकार कुलदीप भावसार ने आंकड़े पेश किए हैं। उनकी रिपोर्ट चौंकाने वाली है। सिस्टम में मौजूद बहुत सारे काले धब्बों को उजागर कर रही है। 

इंदौर में पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और वकीलों की काबिलियत दोनों शक के दायरे में है। इसके लिए दोनों एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। वकीलों का कहना है कि वे उन्हीं तथ्यों को कोर्ट में रखते हैं, जो पुलिस जांच में सामने आते हैं। पुलिस का कहना है कि वे ईमानदारी से जांच कर तथ्य जुटाते हैं। जिला कोर्ट में वर्तमान में 27 एडीपीओ, 15 एजीपी, 3 विशेष लोक अभियोजक, शासकीय अधिवक्ता और जिला अभियोजन अधिकारी हैं। एडीपीओ (सहायक जिला अभियोजन अधिकारी) जेएमएफसी (ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास) कोर्ट में पैरवी करते हैं, जबकि एजीपी (अतिरिक्त लोक अभियोजक) सेशन कोर्ट में शासन का पक्ष रखते हैं।

जुलाई 2017 से अगस्त 2018 तक के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान जिला कोर्ट में 552 केसों में फैसला हुआ। इनमें से 108 में ही सजा हुई, बाकी 444 केसों में अपराध ही सिद्ध नहीं हो पाया। इन 552 में से 430 की सुनवाई सेशन कोर्ट में हुई, जबकि जेएमएफसी कोर्ट में 122 में फैसला आया। जेएमएफसी कोर्ट में सरकार की सफलता का प्रतिशत 21 तो सेशन कोर्ट में महज 19 है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !