कांग्रेस अब क्षेत्रीय दल, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं: नरेंद्र मोदी | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब क्षेत्रीय पार्टी बनकर रह गई है। देश के ज्यादातर हिस्सों में उसका अस्तित्व ही नहीं बचा है। वह सिर्फ पंजाब, पुडुचेरी और मिजोरम में है। दिल्ली, आंध्र, सिक्किम की विधानसभा में तो उनका एक विधायक भी नहीं है। यूपी और बिहार में कांग्रेस का क्या हाल है सबको पता है। उनके पास जनहित का कोई मुद्दा नहीं है। वो केवल मुझे हटाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। जिस महागठबंधन की बात हो रही है, असल में वो है ही नहीं। हर पार्टी में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी है। 

इनके पास जनहित का कोई मुद्दा ही नहीं है
एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, "2014 के बाद लगातार पूरे देश में हमें जनता का आशीर्वाद मिला है। एक के बाद एक राज्यों के चुनाव में हमें मिले जनादेश ऐतिहासिक रहे। ऐसे में हम आश्वस्त हैं कि जनता दोबारा हम पर अपना भरोसा जताएगी। 1977 और 1989 के गठबंधन देशहित के लिए थे। महागठबंधन के सवाल पर मोदी ने कहा, "आज के दौर के महागठबंधन की तुलना 1977 और 1989 से करना ठीक नहीं है। 1977 में गठबंधन का मकसद लोकतंत्र की रक्षा करना था, जो कि आपातकाल के दौर में संकट में पड़ गई थी। 1989 में बोफोर्स के रिकॉर्ड तोड़ घोटाले ने पूरे देश को आहत किया था। आज के इन गठबंधनों का मकसद राष्ट्रहित नहीं, बल्कि सत्ता की राजनीति और निजी हित है। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है, सिवाय मुझे हटाने के।"

मोदी के प्रति नफरत के कारण सारी पार्टियां एकजुट
मोदी ने कहा, 'देश में महागठबंधन जैसा कुछ नहीं है। सिर्फ प्रधानमंत्री बनने की होड़ लगी है। राहुल गांधी कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री बनने को तैयार हैं। लेकिन ममता बनर्जी उनसे राजी नहीं हैं। ममताजी प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं लेकिन उनसे लेफ्ट को दिक्कत है। समाजवादी पार्टी को लगता है कि किसी और नेता से ज्यादा उनके नेता प्रधानमंत्री पद के हकदार हैं। विपक्ष का पूरा ध्यान पावर पॉलिटिक्स पर केंद्रित है। यह जनता की तरक्की के लिए नहीं है। मोदी के प्रति नफरत ही वह इकलौता कारण है, जिसने विपक्ष को एकजुट रखा है।'

कांग्रेस अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है:
प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के लोगों को ये निश्चित तौर पर जानना चाहिए कि कांग्रेस गठबंधन की राजनीति के बारे में क्या सोचती है। 1998 में उनकी पार्टी की पचमढ़ी में हुई मीटिंग में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि गठबंधन की राजनीति गुजरे जमाने की बात है। कांग्रेस ने तब एक दल के शासन की इच्छा जाहिर की थी। पचमढ़ी के उस अहंकार से अब तक कांग्रेस इधर-उधर भटकती रही है और अब वे सहयोगियों को तलाश रहे हैं। वे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसा देश की जनता की वजह से हुआ है, जिसने कांग्रेस के अभिमान को नकार दिया।
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