कमलनाथ और शिवराज सिंह में गोपनीय गठबंधन? | MP ELECTION NEWS

भोपाल। यूं तो मध्यप्रदेश में अब सीएम शिवराज सिंह और कमलनाथ के बीच सीधा मुकाबला बताया जा रहा है। कमलनाथ हर रोज सीएम शिवराज सिंह को टारगेट करके दो चार ट्वीट कर रहे हैं, परंतु कुछ मामले ऐसे भी हैं जो दोनों के गोपनीय गठबंधन की तरफ इशारा कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि भाजपा की ओर से दिग्विजय​ सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमले लगातार जारी हैं लेकिन कमलनाथ के मामले में सीएम शिवराज सिंह चुप हैं। भाजपा की तरफ से भी कोई दिग्गज कमलनाथ पर कोई हमला नहीं करता। सिर्फ कमलनाथ की उम्र को लेकर कभी-कभी तंज कस दिया जाता है। संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं सीएम शिवराज सिंह और कमलनाथ के बीच कोई गोपनीय गठबंधन तो नहीं है ? 

संदेह का आधार क्या है
यूं तो संदेह के कई आधार हैं परंतु फिलहाल मुद्दा मोजर बीयर कंपनी का सामने आया है। बताया गया है कि यह कंपनी कमलनाथ की बहन नीता पुरी की है। Ministry Of Corporate Affairs के Company/LLP Master Data से इस दावे की पुष्टि होती है। NITA PURI 1992 से इस कंपनी की डायरेक्टर हैं। उनके बाद नीचे दर्ज नाम Moser Baer India Limited में बतौर डायरेक्टर जोड़े गए: 
DEEPAK PURI 21/03/1983
SAMRISH BHANJA 22/06/2015 -
SANJAY JAIN 06/08/2013
VINEET SHARMA 31/03/2011
SURENDER KUMAR MATA 04/10/2017
आम आदमी पार्टी (आप) के सीएम कैंडिडेट आलोक अग्रवाल का दावा है कि इस कंपनी के 6450 शेयर कमलनाथ के पास भी हैं। 

तो इसमें क्या अपराध हो गया
आलोक अग्रवाल का आरोप है कि अनूपपुर जिले में मोजर बीयर ने सोन नदी का पानी रोका रखा है और लोगों को पीने का पानी मिलना बंद हो गया है। इलाके के खेत सूख गए हैं। किसान त्राहि त्राहि कर रहा है। बताया गया है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सोन नदी का पानी रोककर आम जनता को प्यासा रखने के आरोपों से संबंधित जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और मोजर बीयर कंपनी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। 

गोपनीय गठबंधन का संदेह कैसे उत्पन्न हुआ
खुद को किसान हितैषी घोषित करने वाले सीएम शिवराज सिंह अक्सर कहते हैं कि जब किसान तकलीफ में होता है तो मैं रात भर सो नहीं पाता हूं, परंतु इस मामले में एक अदद बयान तक जारी नहीं कर रहे। भाजपा सरकार और अपूपपुर का प्रशासन चुप है। यहां तक कि हर छोटी-छोटी बात पर बड़े-बड़े नेताओं को ट्रोल करने वाले भाजपा की सोशल मीडिया फौज भी इस संदर्भ में बात तक नहीं कर रही है। किसान तड़प रहा है और उसने सिसकते हुए छोड़ दिया गया है। 

कमलनाथ ने शिवराज सिंह की कुर्सी बचाई थी
दबी जुबान में कुछ चर्चाएं यह भी होतीं हैं कि कमलनाथ ने शिवराज सिंह की कुर्सी उस समय बचाई थी जब उनके अपने निराश हो चुके थे और भाजपा के दिग्गजों ने भी हाथ झटकना शुरू कर दिया था। व्यापमं घोटाले के समय शिवराज सिंह काफी तनाव में थे। उन पर इस्तीफे का दवाब बढ़ता जा रहा है। वो चारों तरफ से घिर चुके थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब शिवराज सिंह के अपने भी निराश हो गए लेकिन कमलनाथ ने मदद की और इसी मदद के कारण शिवराज सिंह को 'संबल' मिला। यह मदद क्या थी, कैसी थी और कितनी थी यह तो लोग नहीं बताते पंरतु इतना जरूर करते हैं कि कमलनाथ ने एक प्रभावशाली से शिवराज सिंह की मुलाकात करवाई थी। 
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