सेना के कैप्टन के खिलाफ यौन शोषण मामला दर्ज, FIR के लिए 2 महीने तक सोचती रही पुलिस

INDORE: एक छात्रा की शिकायत पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। छात्रा ने सेना के कैप्टन के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। उसने पुणे जाकर कैप्टन के खिलाफ सबूत भी जुटाए। क्राइम ब्रांच को मय सबूत कार्रवाई करने की बात कही तो पुलिस अफसर बैकफुट पर आ गए। शिकायत पर दो महीने तक अफसरों के बीच मंथन चला। आर्मी मैन के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले अधिकारियों ने पुलिस कंट्रोल रूम में दो घंटे तक मीटिंग की। यही नहीं, लोक अभियोजक से भी सलाह ली गई। उसके बाद महिला थाने में केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए। 

चंदन नगर इलाके में रहने वाली सीए की छात्रा की शिकायत पर देवराज सिंह राजावत के खिलाफ छेड़छाड़ व आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। छात्रा का कहना है कि देवराज सेना में कैप्टन है। फिलहाल वह पुणे मिलिट्री कॉलेज में है। देवराज से उसकी मुलाकात फेसबुक पर 11 अप्रैल 2018 को हुई थी। दोनों के बीच दोस्ती हुई और वे मैसेंजर पर चेटिंग करने लगे। एक महीने तक फेसबुक और वाट्सएप पर बातें होती रही। दोनों वीडियो कॉलिंग भी करते थे। लेकिन वे कभी नहीं मिले।

देवराज ने छात्रा को बरगलाते हुए कहा कि वह अध्यात्म जानता है। उसके बाद तन शुद्धि के नाम पर लड़की से बिना कपड़ों का वीडियो बनवाकर मंगवाया। उसने लड़की से शादी का प्रस्ताव भी रखा था। जिस पर लड़की ने भी सहमति जताई। बाद में उसने लड़की को संबंध बनाने की बात कही। जब छात्रा ने इनकार किया तो उसने कहा कि वह शादी नहीं करना चाहता है। इसके बाद राजावत ने लड़की का अकाउंट ब्लॉक कर खुद का फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया। 11 अप्रैल से 3 मई तक दोनों के बीच बातचीत हुई थी।

क्राइम ब्रांच ने कैप्टन को ट्रेस करने में की आनाकानी


पीड़ित छात्रा का कहना है कि उसने चंदन नगर थाने पर शिकायत की थी। वहां से क्राइम ब्रांच जाने के लिए कहा। 23 मई को मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की। उन्हें सबूत के रूप में फेसबुक व वाट्सएप की डिटेल निकालकर दी। छात्रा ने राजावत के फेसबुक अकाउंट की तीन से चार यूआरएल आईडी भी उपलब्ध करवाई। इसके बाद भी क्राइम ब्रांच उसे ट्रेस करने में आनाकानी करने लगी। एएसपी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि फेसबुक जानकारी उपलब्ध नहीं करवा पाता है। ऐसे मामले में आर्मी वाले खुद दोषियों पर कार्रवाई करते हैं। वहां शिकायत करें।

आर्मी के बैस एरिया से छात्रा ने निकाली कैप्टन की जानकारी


छात्रा ने हार मानने के बजाए खुद राजावत को ट्रेस करने की ठानी। राजावत ने बातचीत के दौरान आईसी नंबर दिया था। उस आईसी नंबर के आधार पर वह पहले महू केंटोनमेंट पहुंची। यहां आर्मी अफसरों से मिली। आईसी नंबर से अफसरों ने बताया कि वह कैप्टन है और पुणे में पोस्टेड है। छात्रा पुणे केंटोनमेंट पहुंची। वहां अफसरों ने आईसी नंबर और फोटो से मिलान कर बताया कि यह कैप्टन देवराज सिंह राजावत ही है। हालांकि, उन्होंने छात्रा से कहा कि आप पुलिस से शिकायत करें। छात्रा ने राजावत से जुड़ी पुणे की सभी जानकारी क्राइम ब्रांच को सौंपी लेकिन दो महीने तक वह टालते रहे।

केस दर्ज करें या नहीं, इस पर दो घंटे तक हुआ मंथन

छात्रा मंगलवार को भी पिता के साथ डीआईजी ऑफिस पहुंची। डीआईजी ने चंदन नगर थाने से लेकर क्राइम ब्रांच तक से इस केस की जानकारी निकलवाई। केस दर्ज करें या नहीं। केस दर्ज करेंगे तो किस धारा में अपराध दर्ज किया जाएगा। कौन-कौन सी धाराएं केस में लगाई जाएं। इन सभी बातों को लेकर एसपी कंट्रोल रूम मो. यूसुफ कुरैशी, क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह और महिला थाना टीआई अनिता डेरवाल के बीच मंथन चलता रहा। इस बीच उन्होंने लोक अभियोजक से भी सलाह ली। इसके बाद पुलिस अफसरों ने निर्णय लिया कि लड़की से जुड़ा मामला है इसलिए लापरवाही नहीं बरती जाना चाहिए। केस दर्ज किया जाए। शाम को महिला थाने में राजावत के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

कई पॉइंट पर जांच करना है
आरोपित राजावत कैप्टन है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। उसका नाम भी राजावत है या नहीं यह भी पता लगाया जाएगा। जिस पर छात्रा बात कर रही थी कहीं वह फर्जी फेसबुक आईडी तो नहीं थी। या राजावत के नाम पर कोई अन्य व्यक्ति तो फेसबुक नहीं चला रहा था। इन सभी बातों की जांच की जाएगी। फिलहाल, लड़की की शिकायत पर 354-ए और 66 आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है - अनिता डेरवाल, टीआई महिला थाना

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