BJP: 10 लाख आसाराम भक्तों को वोटबैंक में बदलने की रणनीति | MP NEWS

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह कई बार बयान दे चुके हैं कि बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले हैवान होते हैं, उन्हे सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए परंतु बलात्कार के मामले में दोषी प्रमाणित हो चुके आसाराम के मामले में शायद भाजपा की विचारधारा बदल गई है। भाजपा की नजर मध्यप्रदेश में रह रहे 10 लाख असाराम समर्थकों पर है। इसलिए अब भाजपा नेता चुपके-चुपके आसाराम नाम से जुड़े क्रियाकलापों की तारीफ कर रहे हैं। भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत ने यह मिशन अपने हाथ में लिया है। उन्होंने भाजपा के चुनिंदा नेताओं से कहा है कि वो आसाराम भक्तों के नेताओं से मिलें और भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करें। बता दें कि आसाराम का भक्तमंडल स्वभाविक तौर पर भाजपा का वोट बैंक माना जाता है परंतु आसाराम की गिरफ्तारी और सजा के बाद भक्तों में भाजपा के प्रति काफी नाराजगी देखी जा रही है। 

आसाराम दावा करते थे कि देश भर में उनके 5 करोड़ से ज्यादा भक्त हैं। भाजपा का मानना है कि करीब 1 करोड़ भक्त ऐसे हैं जो आसाराम या उनके नजदीकी संतों के कहने पर वोट दे सकते हैं। मध्यप्रदेश में आसाराम के करीब 10 लाख भक्त बताए जाते हैं। भाजपा की नजर फिलहाल इन्हीं 10 लाख भक्तों पर है। रणनीति यह है कि इन सभी की नाराजगी किसी तरह दूर की जाए और उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया जाए। रणनीतिकारों का मानना है कि वैसे भी आसाराम समर्थक कांग्रेस को वोट नहीं दे सकते। उन्हे भाजपा के साथ आना ही होगा। 

सुहास भगत क्यों, शिवराज सिंह क्यों नहीं
पिछले 6 माह से सीएम शिवराज सिंह हर उस वर्ग या समूह पर फोकस कर रहे हैं जिसे वोट में बदला जा सके। फिर चाहे वो किसी समाज की बात हो या किसी दूसरे समूह की परंतु आसाराम के मामले में सीएम शिवराज सिंह चुप हैं। इस मामले में संगठन महामंत्री सुहास भगत को आगे बढ़ाया गया है। शायद इसलिए कि यदि इस मुहिम का आम जनता में विरोध होता है तो यू टर्न लिया जा सके और सीएम शिवराज सिंह पर किसी तरह का आरोप भी ना लगे। बता दें कि एक नाबालिग बच्ची के साथ गंदी हरकत करने के मामले में न्यायालय ने आसाराम को दोषी माना है। और सीएम शिवराज सिंह कई बार बयान दे चुके हैं कि नाबालिग बच्चियों के साथ गंदी हरकत करने वालों को सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए। 
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