BHOPAL: पुलिस वालों की पत्नियों ने फिर किया विरोध प्रदर्शन | MP NEWS

भोपाल। करीब एक हफ्ते पहले पुलिस परिवार ने पुलिस कर्मचारियों की परेशानियों को दूर करने की मांग वाला ज्ञापन सौंपा था। बुधवार को एक बार फिर पुलिस वालों की पत्नियां एकजुट हो गईं एवं पुलिस लाइन में ही विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं के प्रदर्शन के कारण शाम को अधिकारियों को उनके बीच आना पड़ा। महिलाओं ने एक बार फिर यह बताया कि पुलिस विभाग में आरक्षक कितनी परेशानियों से जूझ रहा है। अफसरों ने उनकी परेशानियां सुनीं और इन्हें पुलिस मुख्यालय स्तर तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार निचले स्तर के पुलिसकर्मियों की मांगें मानकर ग्रेड पे-स्केल बढ़ा चुकी है।

26 बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपा, सामने रखी घर की परेशानी: 
करीब हफ्तेभर पहले निराश पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को इस संबंध में 26 बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपा था। इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बुधवार दोपहर करीब दो बजे पुलिसकर्मियों के परिवारों की करीब 80 महिलाएं नेहरू नगर पुलिस लाइन में इकट्ठा हो गईं। ये महिलाएं सजग प्रहरी परिसर स्थित नई चार मंजिल में जमा हुई थीं। उनके इकट्ठा होने की सूचना पर पुलिस लाइन आरआई विजय दुबे और एएसपी धर्मवीर यादव भी पहुंचे। उन्हें समझाइश दी तो सभी अपने-अपने घर लौट गईं। शाम को महिलाएं दोबारा इकट्ठा हुईं और अफसरों के सामने परिवार की परेशानी बयां की।

अधिकारियों को दिए सुझाव और रखीं अपनी मांगें
सिपाही का ग्रेड पे 1900 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए किया जाए।
अराजपत्रित अधिकारियों को पौष्टिक आहार भत्ता 650 रुपए से 1500 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
विशेष पुलिस भत्ता 500 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
वर्दी धुलाई भत्ता 60 रुपए से 400 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
सिपाही एवं हवलदार को 8 रुपए साइकिल भत्ते के स्थान पर 1000 रुपए मोटर साइकिल भत्ता दिया जाए।
अराजपत्रित अधिकारी को मिलने वाले 230 रुपए वाहन भत्ते को 2000 रुपए किया जाए।
वीआईपी डयूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को 100 रुपए खुराक भत्ता दिया जाए।

पटवारी से भी कम वेतन मिलता है
महिलाओं ने कहा कि वर्तमान में पटवारियों का वेतन सिपाही से ज्यादा है, जबकि दोनों ही समकक्ष हैं। इसलिए वेतन में सुधार होना चाहिए। पुलिसकर्मियों ने इस बात पर भी असंतोष जताया है कि अन्य राज्यों की तुलना में मप्र पुलिस के कर्मचारियों को कुल वेतन कम मिल रहा है। पारिवारिक समस्या, कार्यक्रम या बीमारी में भी अवकाश नहीं दिया जाता। साथ ही समय पर पदोन्नति भी नहीं मिल पा रही है। जिला बल में वीआईपी ड्यूटी एवं कानून व्यवस्था की ड्यूटी के दौरान महिला पुलिस कर्मचारियों के रुकने की एवं प्रसाधन की व्यवस्था न होने से महिला कर्मचारी असहज महसूस करती हैं।
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