मप्र 10 जिलों में बाढ़ के हालात: पुल डूबे, हाइवे जाम, बस्तियां में पानी भरा | MP WEATHER REPORT

भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी प्रबंधन की पोल खुल गई है। अभी तक कहीं भी जबर्दस्त मूसलाधार बारिश नहीं हुई है परंतु कई नदियां उफान पर हैं। पुल पानी में डूब गए हैं। कुछ हाइवे जाम हो गए हैं। निचले इलाकों में स्थित बस्तियों में पानी भर गया है। मध्यप्रदेश के 10 जिलों में हालात चिंताजनक स्थिति में पहुंच गए हैं। यदि अगले 24 घंटे में 3 घंटे भी बारिश हो गई तो बाढ़ आ जाएगी। फिलहाल भोपाल-सागर हाइवे बंद हो गया। विदिशा-रायसेन मार्ग पानी में डूब चुका है। सागर-खुरई हाइवे बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया है। होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, बैतूल, सागर, विदिशा, रायसेन, रतलाम, दमोह, उज्जैन और दमोह जिलों में बाढ़ के हालात हैं।

कहां क्या हुआ

भोपाल के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। 3 बच्चे पानी में बह गए जिनमें से 2 लापता हैं। बीते चौबीस घंटों में दमोह में 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। सागर में राजघाट डैम लबालब हो गया है। होशंगाबाद में तवा डैम में 2 फीट पानी बढ़ गया है। वहीं नर्मदा नदी के जलस्तर में में 8 फीट की वृद्धि हुई है। बारिश से सारनी में सतपुड़ा डैम के 5 गेट खोले गए।

कैसे हैं हालात

भारी बारिश के चलते रायसेन से भोपाल का सड़क संपर्क टूट गया है। यहां दरगाह के पास रीठन नदी में बाढ़ आ गई है। विदिशा रायसेन मार्ग पर बेतबा नदी उफान पर है। यहां पग्नेश्वर पुल पर करीब चार फीट पानी है। भोपाल-सागर मार्ग में गैरतगंज के पास बीना नदी उफान पर है। नदी का पानी पुल पर आ जाने की वजह से आवागम रोक दिया गया है।

आगले दो दिन यहां भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने बुधवार को भी प्रदेश के 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, बालाघाट, मंडला, सिवनी, अनूपपुर, डिंडोरी, सागर, दमोह, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, आगर, शाजापुर, देवास एवं खंडवा।

बालाघाट: पहली ही बारिश में बह गया पुल 

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। जिले के लालबर्रा विकासखण्ड के अंर्तगत नैतरा ग्राम पंचायत में नैतरा से बड़गांव रोड पर स्थित नाले पर बना पुल कल हुई पहली ही बरसात में बह गया। नैतरा गांव के युवा श्री राहुल बिसेन अवगत कराया की उक्त पुल 41 लाख रूपये की लागत से मंडी निधि से संतोष जायसवाल नामक ठेकेदार ने निर्माण किया था। इस पुल का भूमिपूजन कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने अप्रैल में किया था तथा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर 15 जून को आवागमन प्रारंभ कर दिया गया था। पहली ही बरसात में पुल के बह जाने से घटिया निर्माण कार्य की पोल खुल गई है की इस क्षेत्र में कैसे गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराये जा रहे है।
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