
उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि शिक्षक अपना पूरा ध्यान बच्चों को पढ़ाने में दे सकें। नियमों में बदलाव उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं, जिससे देश में अच्छी प्रतिभा बनी रहे। उन्होंने कहा, "नई भर्तियां केवल पीएचडी के आधार पर होंगी इसलिए सरकार ने नए नियम लागू करने के लिए तीन सालों का वक्त दिया है।"
पहले जैसे ही रहेंगे बाकी नियम
उन्होंने बताया, "प्रोत्साहन राशि और बाकी के नियम पहले जैसे ही अनिवार्य रहेंगे। केवल एपीआई को खत्म किया गया है। शिक्षकों को कोई भी रिसर्च अनिवार्य नहीं होगी, लेकिन उन्हें पूरा ध्यान बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता के आधार पर शिक्षकों का प्रमोशन होगा। अगर कोई शिक्षक अपनी रिसर्च पूरी करता है तो यह उसके प्रमोशन के लिए अतिरिक्त लाभ होगा।"
परास्नातक के साथ नेट या पीएचडी धारक कॉलेजों में सीधे पा सकेंगे जॉब
शिक्षा विभाग के अफसर ने बताया, पहले के नियमों की तरह ही परास्नातक के साथ नेट या पीएचडी पात्र उम्मीदवार कॉलेजों में सीधे तौर पर नौकरी पा सकते हैं।
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