
बातचीत में उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर में अगर शांति स्थापित करनी है तो हर किसी से बात करनी होगी. उन्होंने अलगाववादी नेताओं से भी बात करने का समर्थन किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बयान का उनकी पार्टी कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है.
सैफुद्दीन सोज ने कहा कि कश्मीरी लोग ना हिंदुस्तान के साथ आना चाहते हैं ना ही पाकिस्तान के साथ, वो सब आजादी चाहते हैं. लेकिन ये आजादी नामुमकिन है.