
अध्यापक पिछले 5 वर्षों में 91 बार अपनी मांगों को मनवाने के लिए राजधानी में एकजुट हुए हैं। इस बार अपनी मांगों को लेकर पुनः एकत्र हुए हैं। हमारी कई महिला अध्यापक बहनों ने मांगे मनवाने के लिए मुंडन कराकर अपना सशक्त विरोध तक दर्ज कराया। इस विरोध के बाद ही मुख्यमंत्री ने संविलियन की घोषणा की थी।कमलनाथ ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह अध्यापकों को दिये गये आश्वासन और की गई घोषणा से एक बार फिर पलट गये। अध्यापकों की मांग थी कि उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ 01 जनवरी, 2016 से दिया जाये। लेकिन उन्हें वेतनमान का लाभ 01 जुलाई, 2018 से दिये जाने का निर्णय का वे विरोध कर रहे हैं। इस तरह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाकर उनके साथ एक और धोखा होगा।
श्री नाथ ने मांग की है कि यदि सरकार में जरा भी नैतिकता और वचनबद्धता शेष है तो वे अपने वायदे, घोषणा और निर्णय के अनुरूप अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन और उन्हें वेतनमान का लाभ 01 जनवरी, 2016 से दिये जाने का संशोधित आदेश तत्काल जारी करें। ताकि उनकी वरिष्ठता बनी रहे और आर्थिक नुकसान न हो। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com