जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 15 मई से लगातार हड़ताल पर चल रहे ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को 3 दिन के भीतर काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मप्र शासन को नोटिस जारी करके 2 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक सरपंच की याचिका पर दिए। सरपंच का कहना है कि इस हड़ताल के कारण ग्राम पंचायतों के सभी काम ठप हो गए हैं और ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि वो हड़ताल खत्म ना करने वाले रोज़गार सहायकों पर ज़रुरी कार्यवाई करने के निर्देश जारी करें।
हांलांकि हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव के ज़रिए राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि वो ग्राम रोज़गार सहायकों की जायज़ मांगों पर सुनवाई कर कोई उचित फैसला लें लेकिन हाईकोर्ट ने हड़ताल के तरीके को गलत पाते हुए रोज़गार सहायकों को 3 दिन में काम पर लौटने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश की 25 हज़ार ग्राम पंचायतों में कार्यरत रोज़गार सहायक 15 मई से कामबंद हड़ताल कर रहे थे। ग्राम रोज़गार सहायक समयमान वेतनमान और समान कार्य-समान वेतन जैसी मांगों को लेकर 15 मई से लगातार हड़ताल पर थे जिससे ग्राम पंचायतों से होने वाले मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छता मिशन जैसे कामकाज ठप्प पड़े थे।
इस हड़ताल के खिलाफ नरसिंहपुर के करेली जनपद की खेरीचौका ग्राम पंचायत के सरपंच ह्रदेश पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आज जबलपुर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनते हुए रोज़गार सहायकों की हड़ताल अवैध घोषित कर उन्हें 3 दिन में काम पर लौटने के निर्देश दिेए हैं। मामले पर अगली सुनवाई आगामी 27 जून को की जाएगी।
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