क्या आपातकाल में राजमाता पर हुए अत्याचार से सहमत है ज्योतिरादित्य सिंधिया: अग्रवाल

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि आपातकाल के दौरान या इसके बाद जन्मी मेरी पीढ़ी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से सवाल पूछती है कि क्या वे आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर हमले, मीडिया पर सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं को प्रताड़ना और लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों को जेल को क्या आप जायज ठहराते हैं ? क्या आप अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया को भी बिना कसूर 19 माह तिहाड़ जेल की कोठरी में डालने को भी न्यायसंगत व लोकतांत्रिक मानते हैं?

उन्होंने कहा कि देश में श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लगाई इमरजेंसी के समय राजमाता सिंधिया के महल जयविलास पैलेस पर छापा पड़ा था। देश में इमरजेंसी के समय दूसरे लोगों की तरह सिंधिया घराने पर भी कांग्रेस सरकार का कहर टूटा था। माधवराव सिंधिया की मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया जनसंघ की एक बड़ी नेता थी और इसी का बदला तत्कालीन कांग्रे्रेस सरकार ने उनसे लिया।

श्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया को गिरफ्तार कर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था। राजमाता बिना कसूर 19 महीने जेल में रही। राजमाता ने कोई जुर्म नहीं किया था। कांग्रेस सरकार ने उनकी अभिव्यक्ति की आजादी छीन ली थी। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोई जवाब है इस अत्याचार का ? देश में आपातकाल के दौरान राजमाता को परेशान करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा आयकर विभाग के छापे कई बार पड़वाए गए। महल की कई कीमती सामान जप्त कर लिए गए।

कांग्रेस सरकार ने महल में रखा सोना इस आधार पर अपने कब्जे में ले लिया कि ये तस्करी का है जबकि राजमाता ने कुछ समय पहले ही 1000 हजार तोला भारत सरकार को दान में दिया था। अपनी किताब में भी इस बात का उल्लेख किया था। उनका अदालत में यह बात साबित करने में नौ साल लग गए थे।
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