
इसमें कहा गया है कि ये खाते 31 मार्च 2012 के अंत और 31 मार्च 2017 के बीच एनपीए के थे जबकि दो खाते 31 दिसंबर 2017 के दौरान के थे। इन 31 मामलों में 31 मार्च 2018 तक लोन 6082 करोड़ था जोकि कुल लोन का करीब 1.1 फीसदी था। बैंक ने दी गई जानकारी में बताया कि मार्च 2018 में वह शिकायत से अवगत था। इसमें लोन लेने वाले कुछ खातों में गड़बड़ियों का आरोप था। शिकायत 31 लोन खातों को लेकर थी। शिकायत पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी की निगरानी में जांच की गई।
इस मामले में बैंक के आंतरिक ऑडिट और वरिष्ठ मैनेजमेंट के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया था। बैंक ने बताया कि जांच की अंतरिम रिपोर्ट की 31 मार्च 2018 को खत्म वित्तीय वर्ष से पहले ऑडिट कमेटी द्वारा विस्तार से समीक्षा की गई। अंतरिम रिपोर्ट के नतीजों का वित्त वर्ष 2018 के वित्तीय स्टेटमेंट्स पर कोई असर नहीं पड़ा।
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