कमलनाथ के आने से बदलेगा क्या | EDITORIAL

प्रवीण दुबे। क्रिकेट मैच शुरू होने से पहले जो नामचीन, झांकीबाज़ बल्लेबाज होता है, वो अपनी बैटिंग से पहले ग्राउंड के किनारे ही वॉर्म अप/ स्ट्रेचिंग करता है.. बल्ला हाथ में लेकर अपने स्ट्रोक और रिस्ट के मूवमेंट को परखता है... फुट वर्क करता है.. भाव होता है.. खुद के शरीर को संभावित दायित्वों के लिए ढालना और सामने वाली टीम पर मानसिक दवाब बनाना कि अभी हम आयेंगे खेलने...। कांग्रेस के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष और राजनीति में लगभग एक पीढी जी चुके कमलनाथ आज एअरपोर्ट से उसी भाव में रथ में निकले..। 

खेलेंगे कैसा और कितनी देर विकेट में रहेंगे, ये उनके इस ''वॉर्म अप" से तो समझ नहीं आयेगा, ये तो वक़्त बताएगा लेकिन सरकार और सरकार पोषित अधिकारी-पत्रकार सभी इस वक़्त यही समझने में लगे हैं कि कमलनाथ के आने से बदलेगा क्या... कुछ जानवरों की घ्राण शक्ति बहुत तेज़ होती है..जब कोई सुगबुगाहट उनकी रेंज से बाहर होती है तो वो नाक को ऊपर उठा कर सूंघने का प्रयास करते हैं.. ऐसे ही नाक ऊँची किए हुए कई लोग घूम रहे हैं और शाम को "यथास्थान" जाकर रिपोर्ट भी करते हैं, [जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे के भाव में ] कि..."कोई फ़र्क नहीं पडेगा भाई साहब, बहुत गुटबाजी है, मैं तो देखकर आ रहा हूँ.." 

भाई साहब को यदि सूचना कोई नई मिली, तो वो खुश होकर सूचना देने वाले की तरफ गिन्नियां उछाल देते है.. उपकृत व्यक्ति श्रद्धावनत भाव में सर झुका कर बाहर आ जाता है और फिर सूंघने में जुट जाता है...एमपी में जो बदलेगा, सो बदलेगा लेकिन कमलनाथ के आने से हुआ सिर्फ इतना है कि अब दोनों तरफ से गिन्नियों की कमी नहीं होने दी जायेगी..जाइए और सामर्थ्य के मुताबिक़ बटोर लाइए...चुनाव बहुत लोगों के जीवन में बदलाव लाते हैं।
लेखक श्री प्रवीण दुबे न्यूज18 मप्र के सीनियर एडीटर हैं। 

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