
प्रदेश भाजपा द्वारा 1 अप्रैल से निकाली गई किसान सम्मान यात्रा के फ्लाप होने के बाद सरकार ने 1 मई से शुरू हो रही मप्र विकास यात्रा में संगठन का कोई रोल ही नहीं रखा है। सारी बागडोर अफसर संभालेंगे। जहां जरूरत होगी, वहां सीएम सचिवालय से मार्गदर्शन लेंगे।
इन यात्राओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। बड़ी परियोजनाएं जैसे समूह नल-जल प्रदाय योजना, सिंचाई की वृहद योजनाएं, मेडिकल कॉलेज जैसे कार्यों का भूमिपूजन, लोकार्पण या शिलान्यास मुख्यमंत्री करेंगे। सभी कलेक्टरों से बोल दिया गया है कि यात्रा की पूरी बागडोर वे अपने हाथों में रखें।
संगठन पर निर्भरता कम
किसान सम्मान यात्रा की जिम्मेदारी प्रदेश भाजपा संगठन के हाथ में थी। हश्र ये हुआ कि यात्रा फ्लॉप रही। न तो यात्रा को सफल बनाने में संगठन ने रुचि ली और न ही विधायकों ने यात्रा के प्रति कोई गम्भीरता दिखाई। पार्टी सूत्रों का मानना है कि इस यात्रा के परिणाम ठीक नहीं आने के कारण ही सीएम ने संगठन पर निर्भरता कम कर दी है। विकास यात्रा में संगठन नेताओं के लिए किसी भी तरह की भूमिका नहीं रखी गई है।
ग्राम स्वराज में भी रुचि नहीं
प्रदेश में 14 अप्रैल से ग्राम स्वराज अभियान चलाया जा रहा है। इसमें भी प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों से कहा गया था कि वे चौपालों में शामिल हों। ज्यादा से ज्यादा जगह केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच पहुंचाया जाए।
इसके बावजूद संगठन नेताओं ने कहीं किसी जिले में ग्राम स्वराज अभियान में हिस्सा नहीं लिया। सांसदों को भी अपने इलाकों में 'सबका साथ सबका विकास" यात्रा निकालनी थी पर कुछ सांसदों ने तो यात्रा निकाली और गांव में रात्रि विश्राम भी किया पर बाकी ने कोई तवज्जो नहीं दी।
परिपत्र नहीं देखा
मैंने अभी परिपत्र देखा नहीं है, पर मोटे तौर पर विधायकों की ही इसमें भूमिका होना चाहिए।
अजय प्रताप सिंह, प्रदेश महामंत्री भाजपा