भोपाल। केतकी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर एमएड की तैयारी कर रही एक महिला (42 वर्षीय अर्चना शर्मा) ने फांसी पर झूलकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड का कारण डिप्रेशन बताया जा रहा है। 6 साल पहले उनके बेटे की ग्वालियर में एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। इससे पहले उनके भाई की भी एक हादसे में मौत हुई थी। 4 मई को बेटे का बर्थ डे थे तभी से वो उदास थीं। फांसी लगाने से पहले उन्होंने अपने पति से फोन पर काफी देर तक बात की। हबीबगंज पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
सुसाइड नोट नहीं मिला, फांसी पर शव झूल रहा था
मूलत: मुरैना निवासी 42 वर्षीय अर्चना शर्मा जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी कर चुकी थीं। इन दिनों वे चार इमली स्थित केतकी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर एमएड कर रही थीं। अर्चना के पति प्रमोद दीक्षित मुरैना के एक निजी कॉलेज में लाइब्रेरियन हैं। टीआई वीरेंद्र चौहान के मुताबिक रोज की तरह पड़ोस के कमरे में रहने वाली उनकी परिचित अर्चना को जगाने पहुंचीं। दोनों रोज सैर पर जाती थीं। देखा तो अर्चना फंदे पर लटकी थीं। मौके पर पहुंची हबीबगंज पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
बेटे और भाई को खोने के बाद बढ़ा डिप्रेशन
करीब छह साल पहले अर्चना के इकलौते बेटे की ग्वालियर में हुए एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके अलावा उन्होंने अपने भाई को भी खो दिया। इन दो हादसों के कारण वे डिप्रेशन में चली गई थीं। उस वक्त बेटा 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। उनकी एक बेटी है, जो इन दिनों जयपुर में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही है।
जन्मदिन पर बेटे को याद कर की पति से बात
उनके बेटे का बीती चार मई को जन्मदिन था। उसे याद कर उन्होंने मंगलवार रात पति से फोन पर लंबी बात भी की थी। वे हर जन्मदिन पर ऐसा करती थीं। हर बार की तरह प्रमोद ने अर्चना को भगवान की मर्जी का हवाला देकर समझाया भी था। इस दौरान वे मरने का भी जिक्र कर रही थीं। प्रमोद का कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि अर्चना सही में ऐसा कदम उठा लेंगी।