
जब इस बारे में आधार पर नियंत्रण करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस नियम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी उठाने वाले बूढ़े आदमियों, घायलों और बीमार लोगों को बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं का उपयोग बिना किसी दिक्कत के करने का मौका मिलेगा। साथ ही इससे ये भी तय होगा कि किसी भी असली खाताधारक को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में परेशानी के कारण बैंकिंग सेवाओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंक करने और इसे वैधता देने वाले कानून के खिलाफ याचिकाओं पर 38 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 10 मई को अपना निर्णय सुरक्षित किया था। इससे पहले मार्च में शीर्ष न्यायालय ने 31 मार्च तक अपने बैंक खातों और मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करने के नियम में भी छूट दे दी थी।