भरे मंच पर खुली पोल, शिवराज सिंह भड़के

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह लगातार जनता के बीच जा रहे हैं लेकिन अब जबकि चुनावी साल आ गया है तो वो मंत्रमुग्धता से बाहर निकलकर जमीनी हकीकत भी जांचने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश में नौकरशाही और सत्ता के ताकतवर नेताओं की पोल खुल गई। हालात यह बने कि सीएम शिवराज सिंह मंच से झल्ला उठे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। मामला मध्यप्रदेश के सीहोर में आयोजित असंगठित श्रमिकों के कार्यक्रम का है। 

लिस्ट मांगी तो अफसरों के हाथ-पांव फूल गए

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह जिले के दौर पर हैं। सीएम जिले के ग्राम बीजला में मंच से जनसंवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। तभी उन्होंने श्रमिकों के लिए योजना का बखान शुरू कर दिया और जब उन्होंने ग्रामीणों से पूछा कि श्रमिकों का पंजीयन हो गया क्या, तो सभा में मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत मना कर दिया। जिस पर CM चौंक गए। इसके बाद सीएम ने तत्काल मौके पर प्रशासन के तमाम अधिकारियों से जानकारी ली, जिस पर अफसरों की ओर से कहा गया कि 212 श्रमिकों के पजीयन हुए है। जब सीएम ने कहा कहा पंजीयन किये हैं तो लिस्ट दिखाओ, इस पर सन्नाटा पसर गया, अफसरों के हाथ पैर फूल गए।

दर्जा प्राप्त मंत्री भी जवाब नहीं दे पाए

सीएम के प्रश्न का जिला पंचायत सीईओ डाक्टर केदारसिंह, ग्राम पंचायत के सचिव मुराली तिवारी जवाब नहीं दे पाए और ना ही उनके पास असंगठित श्रमिक मजदूरों की लिस्ट मिली। वही मौजूद भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट दर्जा प्राप्त दर्जन भर से अधिक नेता बैठे हुए थे। तब मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि आप भी ग्राम सभा में गए या नहीं, ग्राम सभाएं बुलाई गई या नहीं, तो इसका भी उन्हें सही उत्तर नही मिला। जिस पर मुख्यमंत्री बेहद नाराज हो गए ओर उन्होंने मंच से ही अफसरों को फटकार लगा दी और नेताओं को जमीन पर काम करने की नसीहत दी। सीएम ने भाजपा नेताओं ओर अफसरों से कहा मैं लोगो के लिए काम कर के थक गया और आप जमीन पर काम नहीं कर रहे हो यह गलत बात है। 

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