अतिथि विद्वानों को लेकर कैबिनेट में हुई बहस, सीएम ने मामला टाल दिया

भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पढ़ा रहे साढ़े चार हजार अतिथि विद्वानों को नियमित करने को लेकर कैबिनेट बैठक में मंत्रियों और अफसर के बीच जमकर तर्क-वितर्क हुआ। अतिथि विद्वानों के पक्ष में दलील देते हुए मंत्री उन्हे नियमित करने की बात कह रहे थे एवं मांग कर रहे थे कि तब तक एमपी पीएससी से हो रही अस्सिटेंट प्रोफेसर की नियुक्ति रोक दी जाए। जबकि अफसरों का कहना था कि यदि नियुक्ति रोक दी गई तो मप्र में अच्छे शिक्षक नहीं आएंगे और भावी पीढ़ी पर इसका असर पड़ेगा। वह बर्बाद हो जाएगी। बड़ी बात यह है कि पूरे मामले में सीएम शिवराज सिह चौहान चुप रहे। जब मंत्री और अधिकारियो की बहस बढ़ी तो सीएम ने मामला टाल दिया और अगले विषय पर बातचीत शुरू हो गई। 

इन मंत्रियों ने किया अतिथि विद्वानों का समर्थन 

मप्र के वाणिज्य, उद्योग व रोजगार मंत्री राजेंद्र शुक्ला जब, मप्र लोक सेवा आयोग से की जा रही भर्तियों को रोकने की बात कर रहे थे, तब वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी शुक्ला का पक्ष लिया। बता दें कि अतिथि विद्वानों से मुलाकात के दौरान राजेन्द्र शुक्ला ने वादा किया था कि वो इस संदर्भ मे सीएम शिवराज सिंह से बात करेंगे। उन्होने पीएससी की भर्ती प्रक्रिया को गलत बताया था। नरोत्तम मिश्रा भी अतिथि विद्वानों को नियमित करने के पक्ष में खुलकर बात कर चुके हैं। 

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट बैठक के दौरान अतिथि विद्वानों के मानदेय बढ़ाने का मामला आया। इसी से चर्चा की शुरुआत हुई। राजेंद्र शुक्ला के कहने के बाद अतिथि विद्वान सालों से पढ़ा रहे हैं। डॉ. शेजवार ने कहा कि इनको अस्सिटेंट प्रोफेसर का पद देते हुए नियमित किया जाना चाहिए। रुस्तम सिंह ने भी यही बात दोहराई। इस पर मुख्यमंत्री कुछ बोलते, उससे पहले ही मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि एमपी पीएससी से हो रही नियुक्ति के दौरान पांच साल से अधिक समय से पढ़ा रहे अतिथि विद्वानों को 20 बोनस अंक दिए जा रहे हैं। वे योग्य हैं तो आगे आएं। विकसित देशों में शिक्षा पर इतना ध्यान दिया जा रहा है, क्या मप्र के बच्चों को अच्छे शिक्षक नहीं मिलने चाहिए। ऐसे तो पीढ़ी को नुकसान होगा। वैसे भी अतिथि विद्वानों का रिक्रूटमेंट भाजपा सरकार में नहीं हुआ। बहस को बढ़ता देख मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विषय पर बाद में बात करेंगे। 
BHOPAL SAMACHAR | HINDI NEWS का MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!