हाई कोर्ट आदेश के बाद भी सर्वेक्षण सहायकों को काम नहीं दे रहा विभाग

भोपाल। मध्यप्रदेश सहायक संघ ने लगाया आरोप कि मध्यप्रदेश सरकार सर्वेक्षण सहायकों को कोई भी काम और वेतन पिछले 3 सालों से नहीं दे रही है। सरकार जब रोजगार सहायकों को परमानेंट कर सकती है तो हम सर्वेक्षण सहायक तो एमपी ऑनलाईन द्वारा परीक्षा पास कर चयनित होकर आए है परंतु सरकार हमारी बात सुनने को तैयार हीं नहीं है। कितनी बार श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय् जी को ज्ञापन दिया एवं विधायक सांसद और विभाग के मुखिया को भी ज्ञापन दे चुके है। परंतु कहीं भी सर्वेक्षण सहायकों की सुनवाई नहीं हो रही है अब सर्वेक्षण सहायक कहां जाएं। यहां तक कि हाई कोर्ट मध्यप्रदेश में भी आर्थिक सांख्यिकी विभाग को आदेशित किया कि सर्वेक्षण सहायकों को नियमित रोजगार और नियमित वेतन दिया जाए परंतु विभाग हाई कोर्ट का आदेष भी मानने को तैयार नहीं है।

यह कि विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन  28.11.2014 को एमपी ऑनलाईन के माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित कर सर्वेक्षण सहायक के 6603 पदों पर 21 दिसम्बर 2014 की ऑनलाईन परीक्षा आयोजित कर उत्तीर्ण मैरिट आधार पर चयन करके चयनितों को संबंधित विकासखण्ड /नगर निगम/ नगर पंचायत/नगर पालिका/ पंचायत में कार्य आवंटित किये जाने की बात कही थी। लेकिन अभी तक सर्वेक्षण सहायक विभाग के चक्कर काट रहे है।

यह कि सबसे पहले आर्थिक सांख्यिकी विभाग द्वारा म.प्र. के सभी जिलों में सर्वेक्षण सहायकों को जॉईन कराया गया और विभाग द्वारा ही विभाग में होने वाले कार्यों की जानकारी दी गई। एवं उसके कुछ दिन बाद सभी सर्वेक्षण सहायकों को फोन करके एवं ई-मेल भेजकर अपना खाता नं. एवं आधार कार्ड या कोई भी पहचान पत्र मांगा गया और एक फार्म पर पूरी डिटेल भरबाकर फोटो सहित जमा करवा लिए गई।

उसके कुछ महींनों के बाद फिर से बुलाया गया कि आप सभी सर्वेक्षण सहायकों को आना है इस दिनॉक को विभाग द्वारा जिला पंचायत में मीटिंग के दौरान आपकी ट्रेनिंग भी है। सभी सर्वेक्षण सहायक पंचायत पहुंचे और शाम तक शामिल हुए उसके बाद यह कहा कि जल्द ही आपको आपका कार्य सौंप दिया जाएगा। और जल्दी ही आप सभी को बुलाया जाएगा।

उस दिन के बाद आज तक को खबर नहीं मिली। लेकिन अब हमें भी लगने लगा है कि विभाग ने हमारे साथ छलावा किया है जनरल एवं ओबीसी 1250रू और एससी एसटी 650रू इतनी परीक्षा फीस थी। सभी अभ्यर्थियों की मोटी रकम फीस भी खा गया विभाग और न तो एक भी वेतन दिया और न ही काम। विभाग में यह बिल्कुल नया पद था।  सर्वेक्षण सहायक

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