भोपाल। भर्ती नियम, परीक्षा प्रबंधन सहित परीक्षा परिणाम तक कई तरह के विवादों में उलझी मप्र पटवारी भर्ती अंतत: रोक ही दी गई। 9235 पदों के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने सबसे कठिन परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा परिणाम और उत्तर जांचने की पद्धति भी विवादित हुई थी। उम्मीदवारों ने हर कदम पर शिकायतें कीं परंतु उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंतत: विकलांग आरक्षण मामले में उम्मीदवार हाईकोर्ट की शरण में चले गए और पटवारी भर्ती प्रक्रिया को दस्तावेज सत्यापन व काउंसलिग से ठीक एक दिन पहले रोक दिया गया। गौरतलब है कि इस भर्ती परीक्षा के लिए मूल दस्तावेजों के सत्यापन व काउंसलिंग की तिथि 26 मई 2018 तय की गई थी।
साल 2017 में पीईबी के माध्यम से 9 हजार से अधिक पदों पर पटवारियों की भर्ती कराई गई थी। जिसका परिणाम अप्रैल में आने के बाद नियुक्ति की तैयारी की जा रही थी। रिजल्ट जारी होने के बाद आयुक्त भू-अभिलेक्ष एवं बंदोबस्त ने पटवारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। इस बीच हाईकोर्ट में इस आश्य की याचिका क्रमांक 7933/2018 दायर की गई थी कि पटवारियों की नियुक्ति में दिव्यांगों का आरक्षण नियमानुसार नहीं दिया गया है।
हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर होने के बाद कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ने आरक्षण की त्रुटि को सुधार लिया गया। इसके बाद सभी कलेक्टरों को पटवारियों की काउंसलिंग के आदेश दिए। जिसके तहत 26 मई को चयनित पटवारियों के दस्तावेजों की काउंसलिंग होना था। इस बीच मप्र हाईकोर्ट द्वारा रिट पिटीशन की सुनवाई के बाद आदेश जारी कर पटवारी नियुक्ति स्थगित कर दी है। ऐेसे में आयुक्त भू-अभिलेक्ष एवं बंदोबस्त ने सभी कलेक्टरों को सूचना जारी की है कि दस्तावेज सत्यापन स्थगित किया जा रहा है|
आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त, एम सेलबेंद्रम ने बताया रिट पिटीशन की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पटवारी नियुक्ति स्थगित कर दी है। ऐेस में दस्तावेजों की काउंसलिंग भी रोक दी गई है। कलेक्टरों को इस संबंध में अलग से सूचना जारी की जाएगी।