भोपाल। कांग्रेस में पदों के बंटवारे के साथ ही एक बार फिर शुरू हुई गुटबाजी अब चरम पर आ गई है। कांग्रेस के बागी एवं सिंधिया समर्थक राजेन्द्र सिंह गौतम को समन्वय समिति में सदस्य बनाए जाने के विरोध में पहले तो मीनाक्षी नटराजन के समर्थकों ने इस्तीफा दिया। अब खबर आ रही है कि मीनाक्षी नटराजन ने भी चुनाव घोषणा पत्र की वाइस चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। मीनाक्षी को मंदसौर लोकसभा क्षेत्र की दिग्गज कांग्रेस नेता माना जाता है एवं राहुल गांधी की टीम में सदस्य भी कहा जाता है।
राजेन्द्र सिंह गौतम ने लोकसभा चुनाव वर्ष 2009 में मन्दसौर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की अधीकृत प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। कांग्रेस से निष्कासित एवं विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करने वाले राजेन्द्र सिंह गौतम को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में समन्वय समिति में सदस्य बनाया गया है| इसको लेकर कांग्रेस में विरोध तेज हो गया है। मीनाक्षी नटराजन भी इससे नाराज हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने चुनाव को लेकर जो समितियां बनाई है उसमे से मेनिफेस्टो कमेटी में कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन को वाईस चेयरपर्सन बनाया है। वहीं राजेन्द्र सिंह गौतम को समन्वय समिति में सदस्य बनाया गया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हैं।बता दें कि मंगलवार को मंदसौर जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने इस्तीफा दिया है, वे 2008 और 2003 में विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे है। गुर्जर पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के खेमे से आते है। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गौतम सिंधिया गुट से है।
गौतम को पूर्वमंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने कांग्रेस की मेंबरशीप दिलवाई थी। तब भी काफी हंगामा हुआ था। अब एक बार फिर उनके चयन को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। मीनाक्षी नटराजन मंदसौर से पूर्व सांसद हैं और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की करीबी मानी जाती हैं। उनकी नाराजगी से 6 जून को मंदसौर में होने वाली राहुल गांधी की सभा खटाई में पड़ सकती है। मंदसौर जिला कांग्रेस में मचे इस घमासान से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है, वहीं कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है।