
बताया जा रहा है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ खुलने वाले प्राइवेट अस्पतालों के लिए जमीन सरकार देगी। डॉक्टरों का मैनेजमेंट भी वैसा ही रहेगा जैसा कि जैसा कि दूसरे सरकारी मेडीकल कॉलेजों का है। इसमें आधुनिक प्राइवेट वार्ड भी होंगे। यहां फीस भी ली जाएगी। इसका एक निश्चित अनुपात मेडिकल अस्पताल को दिया जाएगा। अस्पताल में प्राइवेट डॉक्टरों की नियुक्तियां भी की जाएंगी और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
ये गिनाए जा रहे हैं फायदे और नुक्सान
कम फीस में बेहतर इलाज मिलेगा लेकिन नि:शुल्क इलाज बंद हो जाएगा।
प्राइवेट अस्पतालों में सभी वर्ग के मरीज इलाज कराने पहुंचेंगे अत: निर्धन नागरिकों की फजीहत हो जाएगी।
विशेषज्ञ डॉक्टर एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकेंगे।
आवश्यक होने पर प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों से भी अनुबंध किया जा सकता है।