
मंत्रिमंडल ने इस संस्थान के लिए संयुक्त सचिव स्तर के तीन पदों जिनमें निदेशक का एक पद भी शामिल है, के अलावा प्रोफेसरों के दो पदों को भी मंजूरी दी है। एनआईएमएचआर का मुख्य उद्देश्य मानसिक रूप से बिमार व्यक्तियों के पुर्नवास की व्यवस्था करना, मानसिक स्वास्थ पुर्नवास के क्षेत्र में क्षमता विकास तथा मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास के लिए नीति बनाना और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
संस्थान में 9 विभाग और केंद्र होंगे। इसमें मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास के क्षेत्र में 12 विषयों में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, स्नातक, स्नातकोत्तर और एम.फिल डिग्री सहित 12 तरह के पाठ्यक्रम होंगे। पांच वर्षों के भीतर इस संस्था में विभिन्न विषयों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या 400 सौ से ज्यादा हो जाने की संभावना है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने संस्थान के लिए भोपाल में लिए पांच एकड़ जमीन दी है। यह संस्था दो चरणों में तीन वर्ष के भीतर बनकर तैयार हो जाएगी। पहले दो साल के भीतर संस्थान में निर्माण कार्य और बिजली का काम पूरा कर लिया जाएगा। जब तक भवन निर्माण का काम चलेगा तब तक संस्थान सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठयक्रम चलाने और ओपीडी सेवाएं देने के लिए भोपाल में एक भवन किराये पर लेगा। संस्थान मानसिक रोगियों के लिए सभी तरह की पुर्नवास सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्नात्कोत्तर और एम.फिल डिग्री तक की शिक्षा की भी व्यवस्था करेगा।
एनआईएमएचआर देश में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने किस्म का पहला संस्थान होगा। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्षमता विकास और पुर्नवास के मामले में यह एक अत्याधिक दक्ष संस्थान के रूप में काम करेगा और केंद्र सरकार को मानसिक रोगियों के पुर्नवास की प्रभावी व्यवस्था का मॉडल विकसित करने में मदद करेगा।