कर्नाटक| सीएम के अधिकार पॉज, राज्यपाल का फैसला संशोधित: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। कर्नाटक के नाटक में आज नया मोड़ आया। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा के कुछ अधिकारियों को पॉज कर दिया है। वो बहुमत साबित करने तक कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। इसके अलावा राज्यपाल के फैसले को भी संशोधित किया गया है। राज्यपाल ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था, सुप्रीम कोर्ट ने इसे घटाकर 24 घंटे कर दिया है। शनिवार शाम 4 बजे तक भाजपा को बहुमत साबित करना होगा। 

शीर्ष अदालत ने उस याचिका पर आज दोबारा सुनवाई की थी, जिसमें कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को चुनौती दी थी। इस पर कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने बात रखी, वहीं बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी पेश हुए और उन्होंने दलीलें दी। तीन जजों की बेंच को जस्टिस सीकरी लीड कर रहे थे। पूरे मामले में किसने क्या तर्क रखे और अदालत ने क्या कहा?

मुकुल रोहतगी: बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, नंबर दो और तीन के दल काफी पीछे। कांग्रेस-जेडीएस का गठबंधन अनैतिक है।
अभिषेक मनु सिंघवी- नतीजे से पहले बहुमत का दावा। राज्यपाल कैसे दे सकते हैं न्योता? जबकि बीजेपी ने आंकड़ा नहीं दिया।
जस्टिस सिकरी: अगर दो पार्टियां दावा कर रही हैं तो किस आधार पर राज्यपाल फैसला ले सकते हैं।
मुकुल रोहतगी: ये गवर्नर के विवेक पर आधारित फैसला लिया है।

अभिषेक मनु सिंघवी: ये तय करना होगा कि क्या राज्यपाल इस तरीके से काम कर सकते हैं?
जस्टिस सीकरी: हम लोग कल ही बहुमत परीक्षण का प्रस्ताव दे सकते हैं।
मुकुल रोहतगी: बहुमत साबित करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया जाना चाहिए।
कपिल सिब्बल: शक्ति परीक्षण तुरंत हो: 
अभिषेक मनु सिंघवी: विधायकों को सुरक्षा दी जाए, शक्ति परीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी हो।
अभिषेक मनु सिंघवी: राज्यपाल कैसे बीजेपी को बहुमत साबित करने का मौका दे सकते हैं जबकि कांग्रेस-जेडीएस के पास पूरी संख्या है। 

जस्टिस सीकरी: या तो आप कानून मानें या फिर कल शक्ति परीक्षण होने दें। आप तय करें।
जस्टिस सीकरी: येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर विचार किया जाए या बीजेपी 24 घंटे के अंदर बहुमत साबित करे। ये दो विकल्प दिए।
मुकुल रोहतगी- 15 दिन का समय बहुमत के लिए दिया गया है तो 15 दिन दिया जाना चाहिए। 24 घंटे बहुमत कम समय है।
अभिषेक मनु सिंघवी: हमारे विधायकों को सुरक्षा दी जाए, फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी हो।

दोनों पक्षों की बात करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि कल 4 बजे शक्ति परीक्षण हो। विधायकों को पूरी सुरक्षा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकते हैं, जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता है।

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