नई दिल्ली। मुफ्त पानी को लेकर दिल्ली सरकार की योजना का दिल्ली हाई कोर्ट ने आलोचना की है। कोर्ट ने हर महीने 20 लीटर मुफ्त पानी की योजना को कोर्ट ने गलत करार दिया और कहा कि सरकार को कोई भी चीज मुफ्त में नहीं देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कि वास्तविक जरूरत के वक्त ही मुफ्त में कुछ देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार चाहे 1 पैसा ले या 10 पैसा, लेकिन फ्री में कुछ नहीं दिया जाना चाहिए।
फ्री पानी पर यह टिप्पणी कोर्ट ने मुनक नहर की मरम्मत से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई करते हुए की। मुख्य न्यायाधीख गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि झु्ग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों को फ्री पानी स्वीकार्य है लेकिन जो लोग पानी खरीदने के लिए समर्थ हैं, उन्हें मुफ्त सप्लाई नहीं की जानी चाहिए।
बता दें कि चुनावी राजनीति के चलते वोट के लालच में कई राज्य सरकारें कई सारी चीजों को फ्री दे रही है। दिल्ली में भी चुनावी तैयारियां शुरू हो गईं हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार चुनाव से पहले चाहती है कि आम जनता के बीच उसकी बिगड़ी हुई छवि सुधर जाए। बता दें कि केजरीवाल सरकार ऐसी ही कई सारी फ्री योजनाओं का वादा करके सत्ता में आई थी।