
पुलिस के अनुसार मृतक प्रधान आरक्षक गजेंद्र सिंह पिता कंचन सिंह भदौरिया भिंड निवासी हैं। वे अजाक्स थाने में पिछले तीन साल से कार्यरत थे। वे इसी साल मई में रिटायर होने वाले थे, लेकिन सरकार के दो साल और बढ़ाने से उनका कार्यकाल बढ़ गया था। मृतक अपनी पत्नी के साथ देवास की पुष्पकुंज काॅलोनी में रहते थे। उनके दो बच्चे हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। बेटा इंदौर में बिजनेस करता है औरर परिवार के साथ इंदौर में ही रहता है।
नाइट ड्यूटी पर आए थे, सुबह झुलती हुई लाश मिली
मिली जानकारी अनुसार रविवार रात भदौरिया नाइट ड्यूटी के लिए घर से थाने पहुंचे थे। यहां वे सभी से मिले और बातचीत भी की। इस दौरान कतई नहीं लगा कि वो तनाव में हैं या आत्महत्या जैसा कदम उठा सकते हैं। रात में वे ड्यूटी पर अकेले थे। ऊपर के फ्लोर पर एक खाली रूम है। यहीं पर उनकी लाश पंखे पर झूलती हुई मिली। थाने के दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी हुई थी। सुबह जब अन्य जवान थाने पर पहुंचे तो बाहर से कुंडी देख चौंक गए। उन्होंने तत्काल कुंडी खोली और भीतर देखा, लेकिन कोई नहीं मिला। इसके बाद वे तत्काल ऊपरी फ्लोर पर पहुंचे जहां एक रूम में भदौरिया लटक रहे थे। भदौरिया को फंदे पर देख तत्काल उच्च अधिकारियों और परिजनों को सूचित किया गया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें फंदे से नीचे उतरवाया और पीएम के लिए अस्पताल भेजा।
एसपी ने कहा: पारिवारिक समस्या थी
थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों की माने तो भदौरिया बहुत ही सरल और सहज इंसान थे। उनमें किसी भी प्रकार का कोई अवगुण नहीं था। वे अपनी ड्यूटी को बहुत ही गंभीरता से लेते थे। एसपी अंशुमान सिंह के अनुसार भदौरिया किसी पारिवारिक समस्या को लेकर लंबे समय से परेशान थे। संभवत: इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। अभी मामले की जांच की जा रही है, जांच और परिजनों के बयान के बाद ही सही बात सामने आ पाएगी।
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