प्रवीण तोगड़िया को स्वतंत्र नहीं किया जाएगा, उलझा दिया जाएगा: सूत्र | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। साइबर सिटी गुरुग्राम में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का एक नया इतिहास लिखा जाने वाला है। दुनिया भर में हिंदुत्व का झंडा उठाने वाली इस संस्था में पहली बार चुनाव हो रहा है। मीडिया में आ रहीं खबरें बता रहीं हैं कि आरएसएस इस चुनाव के जरिए प्रवीण तोगड़िया को बाहर का रास्ता दिखाने वाला है जबकि सूत्रों का कहना है कि तोगड़िया को स्वतंत्र नहीं किया जाएगा, बल्कि उलझा दिया जाएगा। यदि तोगड़िया को स्वतंत्र कर दिया गया तो यह मोदी सरकार के लिए नुक्सानदायक होगा। 

सर्जन हूं, कैंसर का इलाज करूंगा: प्रवीण तोगड़िया
इधर विहिप चुनाव से पहले प्रवीण तोगड़िया ने कहा- "मुझे जिम्मेदारी मिले न मिले, मैं कैंसर सर्जन हूं, फिर से इलाज शुरू कर दूंगा। राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करता रहूंगा। उन्होंने कहा- वर्तमान अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी केवल 61 साल के हैं, उन्हें तीसरी बार अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए? ऐसे व्यक्ति के सामने 79 साल के व्यक्ति को खड़ा कर दिया गया। क्या यंग इंडिया है। बता दें कि प्रवीण तोगड़िया ने विहिप के माध्यम से उन हालातों में संघर्ष किया है जब देश में कांग्रेस की सरकार थी और समाज में भी विहिप को कोई खास महत्व नहीं मिलता था। उल्लेखनीय यह भी है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद भी प्रवीण तोगड़िया के संघर्ष के दिन खत्म नहीं हुए थे। यदि संघर्षशील व्यक्ति को स्वतंत्र किया गया तो निश्चित रूप से नुक्सान होगा। 

मोदी से मुखालफत के कारण प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ लामबंदी 
माना जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विहिप का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के करीबी कहे जाने वाले मौजूदा अध्यक्ष राघव रेड्डी के स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गवर्नर और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज रह चुके विष्णु सदाशिव कोकजे को यह पद देना चाहता है। बताया जाता है कि कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी की निंदा करने के चलते प्रवीण तोगड़िया से आरएसएस और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। पिछले वर्ष 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए भुवनेश्वर में परिषद के सदस्यों की बैठक हुई थी लेकिन आम सहमति नहीं बनी। फिर तय हुआ कि राघव रेड्डी व विष्णु सदाशिव कोकजे के बीच कार्यकारी अध्यक्ष का चुनाव मतदान प्रक्रिया के जरिए हो। इस चुनाव में भारत के 209 और भारत से बाहर के 64 प्रतिनिधि वोट करेंगे। इसमें क्या होने वाला है इस बारे में वीएचपी के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन के बयान से काफी कुछ स्पष्ट हो जाता है।

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