
साल 1988 में सरकार ने दाऊद की इस प्रॉपर्टी को सीज कर दिया था। स्मगर्लस की प्रॉपर्टी सीज करने के कानून के तहत यह कारवाई की गई थी। हालांकि, सरकार के इस फैसले के विरोध में अमीना कासकर और हसीना पारकर ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी याचिका खारिज होने के बाद दाऊद की बहन और मां ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों की याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि दाऊद इब्राहिम साल 1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी है। इस हमले में 257 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हादसे के बाद दाऊद इब्राहिम देश छोड़कर भाग गया था।
साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति का आदेश दिया था। सरकार का दावा है कि उसने अमीना कासकर और हसीना पारकर को प्रॉपर्टी के लीगल पेपर दिखाने के लिए कई बार कहा था, लेकिन दोनों की तरफ से प्रॉपर्टी के कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं सौंपे गए। बताया जाता है कि दाऊद की मां और बहन के नाम पर मुंबई में 7 रिहायशी प्रॉपर्टीज हैं, जिनमें से 2 अमीना बी के नाम पर और 5 प्रॉपर्टी हसीना पारकर के नाम पर हैं। दाऊद इब्राहिम यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है। दक्षिण मुंबई में दाऊद का एक होटल और एक गेस्ट हाउस सरकार पहले ही नीलाम कर चुकी है। इसके अलावा कई और देशों में भी भारत ने दाऊद की प्रॉपर्टी सीज करायी है। दाऊद इब्राहिम के बारे में कहा जाता है कि फिलहाल वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की निगरानी में पाकिस्तान में रह रहा है।