विश्व हिन्दू परिषद में तोगड़िया को धूल चटाने ​चुनाव का आयोजन | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। यह तो सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी से सीधी टक्कर लेने के बाद ना तो कोई RSS में टिक पाया है और ना ही भाजपा में। अब विश्व हिन्दू परिषद में भी ऐसा होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया के बीच तनाव पिछले कुछ समय से खुलकर दिखाई दे रहा है। तो​गड़िया को हिंदुत्व का चेहरा माना जाता है ऐसे में यदि परंपरानुसार तोगड़िया को विश्व हिन्दू परिषद से विश्राम दे दिया गया तो मामला बिगड़ सकता है इसलिए विश्व हिन्दू परिषद के 52 साल के इतिहास में पहली बार परंपराओं को तोड़ते हुए चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। ताकि सबको बताया जा सके कि तोगड़िया और उनके गुट के नेता हिंदुओं में अपनी लोकप्रियता खो चुके हैं। यह चुनाव 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होगा।

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पिछले साल 29 दिसंबर को भुबनेश्वर में वीएचपी के सदस्यों की बैठक हुई थी। इस बैठक में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। इस बार भी वही दोनों उम्मीदवार आमने-सामने हैं- वर्तमान अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के पूर्व गवर्नर एवं एमपी हाईकोर्ट के पूर्व जज विष्णु सदाशिव कोकजे। 

इन दोनों में से जो भी चुनाव जीतेगा वह वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया की जगह लेगा। तोगड़िया पिछले कुछ सालों में परिषद का चेहरा बनकर उभरे हैं। आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडे में तोगड़िया की भूमिका के लिहाज से चुनाव के फैसले ने आरएसएस, वीएचपी और बीजेपी के बीच दरार को उजागर कर दिया है।

तोगड़िया रेड्डी का समर्थन करेंगे जो अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अपनी लगातार तीसरी पारी के लिए चुनाव में खड़े हैं। वीएचपी में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को परिषद के सदस्य मतदान की प्रक्रिया से चुनते हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित अध्यक्ष करता है। रेड्डी ने दोनों बार तोगड़िया को चुना है।

वीएचपी के जॉइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 14 अप्रैल को गुरुग्राम में चुनाव होने जा रहा है। इस पद के लिए राघव रेड्डी और वीएस कोकजे के बीच मुकाबला है। पिछली बार आम सहमति नहीं बन पाई थी, इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए हम दोबारा बैठक कर रहे हैं।

एक बातचीत में तोगड़िया ने कोकजे की उम्मीदवारी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वह रेड्डी का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, "रेड्डी युवा हैं, हिंदुत्व के लिए समर्पित हैं और उन्हें अशोक सिंघल ने चुना है। अगर कोकजे चुने जाते हैं तो यह तय है कि मैं कैबिनेट में नहीं रहूंगा।" उन्होंने आगे कहा, “यह चौंकाने वाला है कि जो व्यक्ति एक संवैधानिक पद पर रह चुका है वह एक सामाजिक-धार्मिक संगठन के चुनाव में खड़ा हो रहा है। वह 20 साल पहले पद से रिटायर हुए और उन्होंने हिंदुत्व के लिए कभी कुछ नहीं किया। फिर वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

तोगड़िया के मुताबिक वीएचपी पर राजनीतिक दबाव की वजह से चुनाव कराना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, “52 सालों में मैं पहली बार वीएचपी में चुनाव होते देख रहा हूं. ऐसा करने के लिए वीएचपी पर राजनीतिक दबाव है.”

पिछले साल दिसंबर में भुबनेश्वर में हुई बैठक में जब आरएसएस के एक धड़े ने कोकजे का नाम सुझाया तो तोगड़िया ने इसका कड़ा विरोध किया था.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !