फग्गन सिंह कुलस्ते: प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया, अब शिवराज के लिए संकट | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश के आदिवासी नेता एवं मंडला लोकसभा सीट से लगातार 5 बार सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने नया दांव खेल दिया है। वो लगातार 15 साल से भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनने की प्रतीक्षा कर रहे थे। हर बार उनका नाम चर्चा में आता था परंतु नियुक्ति किसी और की हो जाती थी। इस बार जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर राकेश सिंह के नाम का ऐलान हुआ, कुलस्ते ने नया दांव खेल दिया। उन्होंने लोकसभा छोड़, विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। 

दिया सार्वजनिक बयान 
फग्गन सिंह कुलस्ते का यह बयान तब सामने आया है जब हाल ही में जबलपुर सांसद राकेश सिंह को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। बता दें कि कुलस्ते लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी करते आ रहे हैं लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी है। फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मंडला लोकसभा के अंतर्गत मंडला, डिंडौरी, सिवनी और नरसिंहपुर जिले की 8 विधानसभाएं आते हैं जिसमें उन्होंने मंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

पार्टी को भेजा प्रस्ताव
फग्गन सिंह कुलस्ते ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को प्रस्ताव भेज दिया है और पार्टी जो निर्णय लेगी उस आधार पर काम करने की बात कर रहे हैं। गौरतलब है कि फग्गन सिंह कुलस्ते पांच बार मंडला लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में पहली बार फग्गन सिंह कुलस्ते को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। वहीं, कुलस्ते को मोदी मंत्रिमंडल में लगभग एक साल के लिए शामिल किया गया था। 

इसमें रणनीति क्या है
फग्गन सिंह कुलस्ते को भाजपा में मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश का प्रभावी आदिवासी नेता कहा जाता है। अटल सरकार में मंत्री पद के बाद उन्हे मोदी सरकार में भी मंत्री बनाया गया परंतु बाद में हटा दिया गया। अब पार्टी सत्ता में है परंतु कुलस्ते के पास पॉवर नहीं है। 2019 में मोदी सरकार बनी भी तो कुलस्ते मंत्री नहीं होंगे। विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति इसलिए बनाई क्योंकि 2018 में मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद शिवराज सिंह कैबिनेट में कुलस्ते की सीट अपने आप रिजर्व हो जाएगी। वरिष्ठ आदिवासी नेता होने के कारण वो अच्छा विभाग भी हासिल कर सकते हैं। 

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