MP में नोटबंदी रिटर्न: वित्तमंत्री ने कहा ATM से पैसे कम निकलें | NATIONAL NEWS

भोपाल/इंदौर। मप्र में एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात बन गए हैं। बैंक खातों में पैसे तो हैं परंतु एटीएम से निकल नहीं रहे। ब्रांच में भी लम्बी लाइनें लगने लगीं हैं। लोग परेशान हो रहे हैं। मप्र के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वो एटीएम से बहुत जरूरी होने पर ही पैसे निकालें। मप्र के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, देवास सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में एटीएम के बार 'नो कैश' का स्टीकर चिपका हुआ है। बैंक अधिकारियों से कैश के संबंध में बात करने पर उनका एक ही जवाब है ऊपर से कैश नहीं आ रहा है। इस खबर के फैसले ही लोग ज्यादा से ज्यादा नगदी निकालने की कोशिश कर रहे हैं। पुराने कटु अनुभवों के आधार पर वो पहले से तैयारियां रखना चाहते हैं ताकि नोटबंदी जैसी परेशानियों का सामना ना करना पड़े। 

7 बैंक, 10 एटीएम मशीन, एक में नहीं निकला पैसा
एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में रेंडम चेकिंग के दौरान कैश नहीं मिला। इन बैंकों के छत्रीबाग, नर्सिंह बाजार, जवाहर मार्ग, राजवाड़ा, वायएन रोड आदि क्षेत्रों में स्थित एटीएम मशीनों में कैश नहीं था।

वित्तमंत्री ने की कैश कम निकालने की अपील
मंगलवार को प्रदेश में चल रही कैश की भारी किल्लत को लेकर मप्र के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने प्रदेशवासियों ने कैश कम निकलाने की अपील की है। मलैया ने कहा कि आरबीआई से नोट कम मिल रहे हैं। जो नोट मिल रहे हैं वे बढ़े नोट हैं। ऐसे में लोग ज्यादा निकासी से बचें। प्रदेश सरकार आरबीआई और केंद्र सरकार से संपर्क बनाए हुए है। मलैया ने कहा कि मप्र के पास 15 लाख करोड़ रुपए कैश हैं जिसमें से 7 लाख करोड़ रुपए के नोट 2000 रुपए के हैं इस कारण भी एटीएम में कैश की समस्या आ रही है।

मुख्यमंत्री ने बयान दिया, समाधान नहीं
मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कैश की किल्लत को साजिश बताया है। उन्होंने शाजापुर में किसान सम्मेलन में कहा कि आज प्रदेश में नकदी की कमी पैदा की जा रही है। बाजारों से 2 हजार रुपए के नोट गायब होना भी षड्यंत्र है। केंद्र व प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। सीएम ने कहा कि जब नोटबंदी हुई थी, तब 15 लाख करोड़ रुपए के नोट बाजार में थे और आज साढ़े सोलह लाख करोड़ के नोट छापकर बाजार में भेजे गए हैं, किन दो-दो हजार के नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर रख रहा है, कौन नकदी की कमी पैदा कर रहा है... यह षडयंत्र है। चौहान ने कहा कि यह षडयंत्र इसलिए किया जा रहा है, ताकि दिक्कतें पैदा हो।

ये है इंदौर में कैश की किल्लत का कारण
शहर के 1800 से ज्यादा एटीएम में हर दिन 100 करोड़ का कैश विड्राॅल होता है। इतनी ही राशि बैंकों को एटीएम में भरने के लिए चाहिए होती है, लेकिन सात दिन से मांग के बदले में केवल एक चौथाई ही नकदी की पूर्ति हो रही है। शहर के सभी बैंकों को एक दिन में केवल 25 करोड़ का ही कैश आवंटित किया जा रहा है। समस्या यह भी है कि आरबीआई चेस्ट से यह राशि रैंडमली चलती है। एक दिन कुछ बैंकों को तो अगले दिन दूसरे बैंकों को। इसके चलते भी बैंकों को कैश की समस्या आ रही है। मुख्य बाजारों के एटीएम जल्द खाली हो रहे हैं।

100 रुपए के नए नोट काफी कम आ रहे
100 रु. के नए नोट काफी कम आ रहे हैं। पुराने नोट एटीएम में अपलोड नहीं होते। 200 के नए नोट की छपाई ज्यादा नहीं हुई है। 2000 के नोट फिर ब्लैक मनी में उपयोग होने लगे हैं। ये नोट वापस बैंक कम पहुंच रहे। ऐसे में बैंकों के पास एटीएम के लिए 500 के नोट बचे हैं, जिनकी पूर्ति भी कम है। इंदौर के वायएन रोड़ पर स्थित एसबीआई एटीएम पर परेशान खड़े विवेक शर्मा ने बताया कि एसबीआई के किसी भी एटीएम में पैसा नहीं है, मैं सुबह से 7 से 8 एटीएम बूथ चेक कर चुका हूं। विवेक कहते हैं कि 2000 रुपए के नोट तो काफी दिनों से निकलना बंद हो गए है।

बैंकों की बात उच्च स्तर पर पहुंचा दी है
लीड बैंक मैनेजर मुकेश भट्ट के मुताबिक, कैश कम मिल रहा है। संकट जैसी बात नहीं है। एटीएम के लिए फ्रेश नोट लगते हैं, जो कम आ रहे हैं। बात हमने उच्च स्तर तक पहुंचा दी है।नोट की किल्लत करीब 4 दिन से चली आ रही है। बैंकाें का कहना है कि आरबाईआई से कैश नहीं मिल पा रहा है। इस कारण एटीएम में रुपए नहीं डाल पा रहे हैं।
एक बड़ी समस्या से भी है कि जिन एटीएम में रुपए निकल भी रहे हैं वो छोटे नोट में हैं। लोगों का कहना है कि जिन एटीएम में रुपए थे भी वहां छोटे नोट थे। 500 और 2000 के नोट मार्केट से गायब से हो गए हैं।

कोई गाड़ी की किश्त तो कोई शादी के लिए काट रहे थे चक्कर
एटीएम के पास खड़े नरेंद्रसिंह ने बताया कि हर माह की तरह गाड़ी की किश्त जमा कराना थी लेकिन कैश नहीं होने से पेनल्टी भुगतना पड़ेगी।
इंदौर की मयूरी कुरील ने बताया कि उन्होंने जयरामपुर कॉलोनी स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से तीन हजार रुपए निकालने के लिए प्रोससे की। एटीएम मशीन में ट्रांजेक्शन सक्सेस बताया, पैसे कटने का मैसेज भी आ गया लेकिन एटीएम मशीन से पैसे नहीं निकले।
भोपाल से शादी में शामिल होने आए संजय शर्मा ने बताया कि यहां के तीनों मशीनों में पैसा नहीं मिला। इसलिए परेशानी उठना पड़ी।
चेतन सिंह सैंधव ने बताया कि बैंकों में इस तरह की अव्यवस्था आम बात हो गई है कई लोग पैसे निकालने के लिए एटीएम पहुंचे तो उन्हें खाली लौटना पड़ा।

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