कर्मचारियों के साथ एक और धोखा: वेतन पुनरीक्षण की बकाया राशि अब नगद नहीं मिलेगी | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रमुख महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने आज जारी बयान में कहा कि सरकार ने फिर कर्मचारियों से वादाखिलाफी की है। सरकार ने 22 जुलाई 2017 को जारी पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 16 में स्‍पष्‍ट किया था कि राज्‍य शासन द्वारा शासकीय सेवकों को दिनॉक 1 जनवरी 16 से 30 जून 2017 तक का कुल 18 माह का वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अंतर्गत हुए पुनरीक्षिण वेतन के परिणाम स्‍वरूप देय बकाया राशि का नगद भुगतान 3 समान वार्षिक किश्‍त में किया जायेगा।  

प्रथम क़िस्त का भुगतान 1 मई 2018 से किया जाएगा परंतु आज वित्त विभाग ने जारी परिपत्र में सरकार की इस मंशा को उजागर कर दिया कि सरकार कर्मचारियों के पैसे का इस्तेमाल अन्य योजनाओं में करना चाहती है। वित्त विभाग ने आज जारी ज्ञापन में निर्देशित किया है कि प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की बकाया राशि शत-प्रतिशत उनके भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी जबकि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन मान के पुनरीक्षण की बकाया राशि 50% नगद दी जाएगी और 50% भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने शासन के इस निर्णय का विरोध करते हुए संपूर्ण राशि नगद भुगतान करने की मांग की है।

नही दी कर्मचारियों काेे ऐरियर्स राशि की जानकारी 
वित्‍त विभाग ने22 जुलाई 17 को  जारी पत्र में  कहा था कि ऐरियर्स राशि की  जानकारी संबंधित कर्मचारी को दी जायेंगी परन्‍तु  अभी तक  किसी भी शासकीय सेवक को यह जानकारी  उपलब्‍ध नही कराई गई है ।

ऐरियर्स भुगतान  की प्रणाली को जानबूझ कर जटिल बनाया 
वित्‍त विभाग ने कर्मचारियों  को  ऐरियर्स भुगतान की  प्रक्रिया  को अत्‍यंत जि‍टिल बना  दिया  है ताकि कर्मचारियों को ऐरियर्स भुगतानमें ज्‍यादा से  ज्‍यादा विलम्‍ब हो और कर्मचारियों के पैसे का  इस्‍तेमाल अन्‍य मद मेें किया जा सके। सभाी  विभागों को निर्देश दिये गये है कि कर्मचारियों कावर्ष 2006 से2018 तक का डाटा कम्‍पयूटर पर दर्ज किया जायें साथ ही इस  अवधि में जो ऐरियर्स कर्मचारियों काो दिये गये है उनका विवरण भी दर्ज किया जायें । इस प्रक्रिया में  बहुत समय लगेंगा जिसके चलते कर्मचारियों को  वेतन बकाया का भुगतान समय पर नही हो सकेंगा ।

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