
दीपक रघुवंशी ने बताया क्या हुआ था घटनाक्रम
घर लौटकर आए दीपक का कहना है कि उसके दोस्त मोनू राय जो गिरजेश का दोस्त है, ने 7 तारीख को उसे बुलाया था। उसके साथ बैठकर शराब पी और इसके बाद गाड़ी में बैठकर भोपाल चले गए। उसे नशे की हालत में ही एसडीओपी के सामने लाया गया और उनके कहे अनुसार बयान लिए गए। वहां पर पहले से ही शपथ पत्र बना हुआ रखा हुआ था। एसडीओपी ने शपथ पत्र पर उससे हस्ताक्षर करवा लिए। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से वह शपथ पत्र नहीं पढ़ पाया। दीपक ने यह भी बताया कि हर दम उसके साथ चार-पांच लोग रहते थे। जब वह थाने आया उस दिन भी वह नशे की हालत में था। गुरुवार रात उसे उन लोगों ने भोपाल से बस में बैठा दिया। उदयपुरा लौटने पर कुछ हालत सुधरी तो परिजनों को सब बताया।
बयानों की वीडियोग्राफी हुई है एसपी
रायसेन एसपी जगत सिंह राजपूत ने बताया कि दीपक के नशे की हालत में बयान लिए गए है, यह उनकी जानकारी में नहीं है। इस मामले में जिसके भी बयान लिए गए है, उनकी बाकायदा वीडियोग्राफी कराई गई है। ताकि बयान को लेकर पारदर्शिता बनी रही।
पुलिस ने पेश किया था दीपक को लेकिन घर नहीं आया था
दीपक रघुवंशी के लापता होने की खबर सामने आते ही पुलिस ने उसे मीडिया के सामने पेश किया था। परिजनों ने मंत्री रामपाल सिंह पर अपहरण का संदेह जाहिर किया था। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में दीपक रघुवंशी ने बयान दिया था कि उसका अपहरण नहीं हुआ है वो अपनी मर्जी से बिना बताए घर से चला गया था। परंतु इस मामले में संदिग्ध यह था कि दीपक मीडिया के सामने बयान देने के बाद भी घर नहीं लौटा था। वो कहां गया किसी को पता नहीं था। अब जब वो घर लौटा है तो उसका स्वतंत्र बयान सामने आया है।