कश्मीर में आर्टिकल 370 का प्रावधान अस्थायी नहीं है: सुप्रीम कोर्ट | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 की प्रकृति अस्थायी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमने अपने 2017 के फैसले में भी यह बात कही थी कि आर्टिकल 370 का प्रावधान अस्थायी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें विजयलक्ष्मी झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहीं। बता दें कि कश्मीर से धारा 370 हटाने की मांग की जा रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा इसकी मांग लम्बे समय से करती आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर में धारा 370 हटाने का फैसला संसद में लिया जा सकता है। इस मामले में मोदी सरकार के पास सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। 

आपको बता दें कि 2017 में दिल्ली हाई कोर्ट ने झा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कोर्ट से यह घोषणा करने की गुजारिश की थी कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 की प्रकृति अस्थायी है। उस वक्त याचिकाकर्ता ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर संविधान सभा भंग होने के बाद भी राज्य में इस आर्टिकल का लागू रहना संविधान के मूल ढांचे के साथ धोखाधड़ी है। 

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले को कुछ समय बाद सुना जा सकता है क्योंकि इससे संबंधित कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर सरकार के वकील ने साफ किया कि जो मामले लंबित हैं, वे आर्टिकल 35A से संबंधित हैं, आर्टिकल 370 से नहीं।

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