
उन्होंने बताया कि घुमंतू और विमुक्त जातियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए संघ की राजस्थान इकाई के पायलट प्रोजेक्ट को देशभर में लागू किया जाएगा। राजस्थान में घुमंतू और विमुक्त जातियों के लिए संघ द्वारा शुरू किए गए कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इन जातियों को आगे बढ़ाने में संघ के प्रयास कुछ हद तक सफल रहे हैं। इन जातियों के बच्चों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास काफी हद तक सफल रहे।
उन्होंने कहा कि नागपुर में भारत की स्थानीय भाषाओं का उपयोग करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। संघ अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है, लेकिन भारतीय भाषाओं पर भी ध्यान देना चाहिए।