
इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017 में अपनी नौकरी छोड़ने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के अधिकारियों और जवानों की संख्या वर्ष 2015 में 3,425 की तुलना में 14,587 है। बता दें कि केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के इतनी बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ने से सरकार की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने विपरीत हालात में काम करने की वजह से सुरक्षाकर्मियों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए समूचित आराम एवं छुट्टी की नीति के रास्ते पर चलना शुरू कर दिया है. इसके अलावा जवानों को अपने परिजनों एवं दोस्तों से बात करने के लिए बेहतर संचार सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.
गृह मंत्रालय ने सुरक्षाकर्मियों में तनाव स्तर को कम करने के लिए नियमित रूप से तनाव प्रबंधन कार्यक्रम और योग की कक्षाएं चलाना शुरू किया है. साथ ही खेलकूद और मनोरंजन की सुविधाएं प्रदान करने पर भी जोर दे रही है. ड्यूटी वितरण में भी पारदर्शिता बरतने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा सीमा चौकियों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को बुनियादी सुख- सुविधाएं मुहैया कराने पर भी जोर दिया जा रहा है.