MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती: कड़ा नहीं है मुकाबला | MP NEWS

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए 19 हजार आवेदन आए हैं। स्क्रूटनी के बाद करीब 1000 से 1200 आवेदन निरस्त होने की संभावना है। ऐसे में यह तय है कि एक पद के लिए कम से कम छह आवेदकों के बीच मुकाबला होगा। हर छठे आवेदक को प्रदेश के किसी भी सरकारी कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के तौर पर सेवाएं देने का मौका मिलेगा। प्रदेशभर के साढ़े चार सौ से ज्यादा सरकारी कॉलेजों में यह नियुक्तियां होंगी। आवेदन की अंतिम तारीख 1 मार्च तय की गई थी। 

हालांकि गुरुवार शाम उसे बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है। ऐसे में आवेदन का आंकड़ा 200 तक आैर बढ़ सकता है। इस बार उच्च शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है कि परीक्षा भी हो और इंटरव्यू भी, क्योंकि दो बार पहले उसे पूरी प्रक्रिया ही निरस्त करना पड़ी थी। 2016 में हुई प्रक्रिया में 16 हजार आवेदन आए थे, तब कुल 2350 पद थे। 

उससे पहले 2014 में हुई प्रक्रिया में कुल 45 हजार आवेदकों ने आवेदन किया था। इस बार पीएससी चाह रहा है कि हर हाल में परीक्षा भी हो और उसका रिजल्ट भी समय पर घोषित किया जाए, ताकि छह माह के भीतर इंटरव्यू और नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा सके। 

यूनिवर्सिटी ने 1200 से ज्यादा आवेदकों को जारी किया 5 पॉइंटर सर्टिफिकेट 
2009 के पहले पीएचडी कर चुके आवेदकों के लिए यूनिवर्सिटी से न्यूनतम पात्रता सर्टिफिकेट की अनिवार्यता की थी। इसमें दो रिसर्च पेपर पब्लिश होने और दो सेमिनार में पेपर प्रेजेंट सहित जरूरी पात्रता पूरी करने पर 5 पॉइंटर सर्टिफिकेट मिलता है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस सर्टिफिकेट को लेकर बेहद तेजी दिखाई और अंतिम दिन तक मिलाकर कुल 1200 से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए। 

2989 कुल पद हैं सहायक प्राध्यापक के। 
19000 के लगभग आवेदन आए। 
स्क्रूटनी में 1 हजार तक आवेदन निरस्त होने की संभावना। 
6 आवेदकों में होगा एक पद के लिए मुकाबला। 
457 सरकारी कॉलेजों में होगी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियां। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !