
यह है नीरज सिंह का बयान
19 जून 2017 को मैं, मंत्री रामपाल के बेटे गिरजेश राजपूत, उनके रिश्तेदार राम भैया, उदयपुरा में ही रहने वाले दोस्त राहुल सेवक एक चार पहिया की गाड़ी में भोपाल के लिए निकले। रात एक बजे हम लोग भोपाल पहुंचे। हम लोग सबसे पहले गिरजेश की रिश्तेदार साक्षी दीदी के घर गए। वहां पर प्रीति को छोड़ा। इसके बाद मुझे और राहुल सेवक को अपने एक मकान में छोड़कर गिरजेश और राहुल चले गए।
20 जून की सुबह राम भैया हमें लेने आए। इसके बाद हम बाजार गए और शादी का सामान खरीदा। इसके बाद दोपहर ढाई बजे प्रीति, साक्षी, गिरजेश, राम भैया सब लोग भोपाल के आर्य समाज मंदिर में पहुंचे। शादी तीन बजे शुरू हुई और साढ़े चार और पांच बजे के करीब खत्म हुई। कन्यादान मैंने ही किया। शादी के बाद हम लोग प्रीति को साथ लेकर उदयपुरा घर लौट आए।
मंत्री ने दवाब बनाया तो गिरजेश सिंह ने धोखा दिया
प्रीति को गिरजेश ने कहा कि वह अपने पिता और मां को मना लेगा। उसके बाद प्रीति को अपने घर ले जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गिरजेश के माता-पिता प्रीति को अपनी बहू मानने को तैयार नहीं थे। इसलिए उसकी दूसरी जगह सगाई कर दी। 14 मार्च को गिरजेश की सगाई कर दी। जिससे मेरी बहन मानसिक रूप से परेशान थी। वह टेंशन में थी। इसके चलते तीन दिन बाद उसने अपनी जान दे दी। मेरे बड़े पापा रामसिंह,चाचा जय सिंह पर दबाव बनाया गया कि प्रीति की शादी कहीं और कर दो। खर्चा हम दे देंगे।